मनोभाव
यह पुस्तक ""मनोभाव"" उस मानसिक स्थिति से उत्पन्न होने वाली भावनाओं या भावों से संबंधित है, जो व्यक्ति के जीवन में समय-समय पर उभरती हैं। इसमें भावनाएँ, मूड और व्यक्तिगत भावनात्मक स्थितियाँ शामिल हैं। यह पुस्तक उन भावनाओं को प्रतिबिंबित करती है जो बचपन की यादों से वयस्कता की आंतरिक संघर्षों तक, माता पिता के अटूट एवं निर्मित्र प्यार से लेकर किसी अपने के छोड़ जाने पर, बेवफ़ाई से लेकर खुद से वफ़ा करने तक, औरतों की जागरूकता से लेकर उनके अस्तित्व की पहचान बनाने तक इत्यादि परिस्थितियाँ जो व्यक्ति के जीवन में समय-समय पर उभरती रहती हैं। और ऐसे ही जीवन के कुछ मुकामों के सफर की हल्की झलक को कवयिनी ने अपने शब्दों में दर्शाने का प्रयास किया है। यह पुस्तक उन सभी लोगों के लिए हैं जो ज़िंदगी और लोगों को गहराई से समझने की इच्छा रखते हैं। जैसे की बूँद बूँद से सागर बनता है, उसी प्रकार इन १८ कविताओं में जीवन के हर रंग का रस भरा है। सफ़ेद रंग भले ही कितना ही खूबसूरत क्यों ना हो, पर एक रंग देख कर कोई भी ऊब जाता है, ठीक उसी प्रकार जीवन भी है । हर रंग इस जीवन का अटूट भाग है, चाहे वो प्रेम का है, त्याग का है, समर्पण का है या जुदाई का । जीवन की ख़ूबसूरती अनेक भावों में बंधी है । इसी भाव को "मनोभाव" का नाम देते हुए कवियिनी ने अपने पहली पुस्तक में अपने मन के हर भाव को पढ़ने वालों के समक्ष रख दिया है। पुस्तक की शुरुआती कवितायें माता पिता के प्रेम भाव पर आधारित हैं। उसके पश्चात स्त्री के अस्तित्व एवं त्याग से लेकर, इश्क़ की गहराइयों से लेकर स्वयं चिंतन विशेष की कवितायें प्रकाशित है। हर वर्ग एवं हर परिस्थिति में यह पुस्तक पढ़ी जा सके, इसी मंशा से "मनोभाव" को लिखा गया है ।
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मनोभाव
यह पुस्तक ""मनोभाव"" उस मानसिक स्थिति से उत्पन्न होने वाली भावनाओं या भावों से संबंधित है, जो व्यक्ति के जीवन में समय-समय पर उभरती हैं। इसमें भावनाएँ, मूड और व्यक्तिगत भावनात्मक स्थितियाँ शामिल हैं। यह पुस्तक उन भावनाओं को प्रतिबिंबित करती है जो बचपन की यादों से वयस्कता की आंतरिक संघर्षों तक, माता पिता के अटूट एवं निर्मित्र प्यार से लेकर किसी अपने के छोड़ जाने पर, बेवफ़ाई से लेकर खुद से वफ़ा करने तक, औरतों की जागरूकता से लेकर उनके अस्तित्व की पहचान बनाने तक इत्यादि परिस्थितियाँ जो व्यक्ति के जीवन में समय-समय पर उभरती रहती हैं। और ऐसे ही जीवन के कुछ मुकामों के सफर की हल्की झलक को कवयिनी ने अपने शब्दों में दर्शाने का प्रयास किया है। यह पुस्तक उन सभी लोगों के लिए हैं जो ज़िंदगी और लोगों को गहराई से समझने की इच्छा रखते हैं। जैसे की बूँद बूँद से सागर बनता है, उसी प्रकार इन १८ कविताओं में जीवन के हर रंग का रस भरा है। सफ़ेद रंग भले ही कितना ही खूबसूरत क्यों ना हो, पर एक रंग देख कर कोई भी ऊब जाता है, ठीक उसी प्रकार जीवन भी है । हर रंग इस जीवन का अटूट भाग है, चाहे वो प्रेम का है, त्याग का है, समर्पण का है या जुदाई का । जीवन की ख़ूबसूरती अनेक भावों में बंधी है । इसी भाव को "मनोभाव" का नाम देते हुए कवियिनी ने अपने पहली पुस्तक में अपने मन के हर भाव को पढ़ने वालों के समक्ष रख दिया है। पुस्तक की शुरुआती कवितायें माता पिता के प्रेम भाव पर आधारित हैं। उसके पश्चात स्त्री के अस्तित्व एवं त्याग से लेकर, इश्क़ की गहराइयों से लेकर स्वयं चिंतन विशेष की कवितायें प्रकाशित है। हर वर्ग एवं हर परिस्थिति में यह पुस्तक पढ़ी जा सके, इसी मंशा से "मनोभाव" को लिखा गया है ।
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by Pria Kaith
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Overview

यह पुस्तक ""मनोभाव"" उस मानसिक स्थिति से उत्पन्न होने वाली भावनाओं या भावों से संबंधित है, जो व्यक्ति के जीवन में समय-समय पर उभरती हैं। इसमें भावनाएँ, मूड और व्यक्तिगत भावनात्मक स्थितियाँ शामिल हैं। यह पुस्तक उन भावनाओं को प्रतिबिंबित करती है जो बचपन की यादों से वयस्कता की आंतरिक संघर्षों तक, माता पिता के अटूट एवं निर्मित्र प्यार से लेकर किसी अपने के छोड़ जाने पर, बेवफ़ाई से लेकर खुद से वफ़ा करने तक, औरतों की जागरूकता से लेकर उनके अस्तित्व की पहचान बनाने तक इत्यादि परिस्थितियाँ जो व्यक्ति के जीवन में समय-समय पर उभरती रहती हैं। और ऐसे ही जीवन के कुछ मुकामों के सफर की हल्की झलक को कवयिनी ने अपने शब्दों में दर्शाने का प्रयास किया है। यह पुस्तक उन सभी लोगों के लिए हैं जो ज़िंदगी और लोगों को गहराई से समझने की इच्छा रखते हैं। जैसे की बूँद बूँद से सागर बनता है, उसी प्रकार इन १८ कविताओं में जीवन के हर रंग का रस भरा है। सफ़ेद रंग भले ही कितना ही खूबसूरत क्यों ना हो, पर एक रंग देख कर कोई भी ऊब जाता है, ठीक उसी प्रकार जीवन भी है । हर रंग इस जीवन का अटूट भाग है, चाहे वो प्रेम का है, त्याग का है, समर्पण का है या जुदाई का । जीवन की ख़ूबसूरती अनेक भावों में बंधी है । इसी भाव को "मनोभाव" का नाम देते हुए कवियिनी ने अपने पहली पुस्तक में अपने मन के हर भाव को पढ़ने वालों के समक्ष रख दिया है। पुस्तक की शुरुआती कवितायें माता पिता के प्रेम भाव पर आधारित हैं। उसके पश्चात स्त्री के अस्तित्व एवं त्याग से लेकर, इश्क़ की गहराइयों से लेकर स्वयं चिंतन विशेष की कवितायें प्रकाशित है। हर वर्ग एवं हर परिस्थिति में यह पुस्तक पढ़ी जा सके, इसी मंशा से "मनोभाव" को लिखा गया है ।

Product Details

ISBN-13: 9789363319547
Publisher: Bookleaf Publishing
Publication date: 12/02/2024
Pages: 58
Product dimensions: 5.00(w) x 8.00(h) x 0.12(d)
Language: Hindi

About the Author

Pria Kaith is a soulful writer by passion and defence personnel by profession, who loves to express her feelings through the thread of words on paper. She is a keen bike rider and loves to ride on tough terrains which compliments her martial side being the black belt in Karate. A passionate dancer and a music lover lives an artistic lifestyle and believes in power of words which can heal the wounded souls. She is a Nutritionist and a Face Yoga Instructor and has transformed many lives through her domain knowledge. To her accolades, she has been the Miss North India 2014. प्रिया कायथ एक आत्मिक रूप से लेखन करने वाली कवियिनी हैं और पेशे से रक्षा कर्मी हैं, जो पेपर पर शब्दों के धागे के माध्यम से अपने भावनाओं को व्यक्त करने के लिए बहुत प्रेरित हैं। वह एक उत्कृष्ट बाइक राइडर हैं और कठिन मार्गों पर सवारी करना पसंद करती हैं, जो उनकी युद्ध स्वभाव को पूर्ण करता है, क्योंकि वे कराटे में ब्लैक बेल्ट हैं। वह एक उत्कृष्ट नृत्यांगना और संगीत प्रेमी हैं और एक कलात्मक जीवन जीती हैं। वह घायल आत्माओं को ठीक करने वाली, शब्दों की शक्ति में विश्वास रखती हैं। वह एक पोषण विशेषज्ञ और एक फेस योगा अध्यापिका हैं और अपने क्षेत्रीय ज्ञान के माध्यम से कई लोगों का जीवन परिवर्तित कर चुकी हैं। उनके श्रेय में, उन्हें 2014 में मिस उत्तर भारत का खिताब मिला है।
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