About the book:
यह एक स्त्री के प्रेम की कहानी है जिसे परिस्थितियां बार बार उसके प्रिय से दूर कर देती हैं । कभी सामाजिक परम्पराएं तो कभी अमीरी गरीबी की दीवार उनके प्रेम को सफल नहीं होने देती । यह एक नारी के प्रिय की इच्छा पर अपनी कामनाओं को बलिदान कर देने की कहानी है । नारी के संघर्ष और विवशता को उपन्यास में भलीभाँति अभिव्यक्त किया गया है । समाज कभी उससे परिवार की खुशियों के लिये बलिदान मांगता है तो कभी परिस्थितियाँ ही उससे छल कर जाती हैं । क्या होता है फिर ? क्या वह अपने प्रिय को पाने में सफल हो पाती है ? जानने के लिये पढ़िये उपन्यास - 'अँगना कँगना'
About the book:
यह एक स्त्री के प्रेम की कहानी है जिसे परिस्थितियां बार बार उसके प्रिय से दूर कर देती हैं । कभी सामाजिक परम्पराएं तो कभी अमीरी गरीबी की दीवार उनके प्रेम को सफल नहीं होने देती । यह एक नारी के प्रिय की इच्छा पर अपनी कामनाओं को बलिदान कर देने की कहानी है । नारी के संघर्ष और विवशता को उपन्यास में भलीभाँति अभिव्यक्त किया गया है । समाज कभी उससे परिवार की खुशियों के लिये बलिदान मांगता है तो कभी परिस्थितियाँ ही उससे छल कर जाती हैं । क्या होता है फिर ? क्या वह अपने प्रिय को पाने में सफल हो पाती है ? जानने के लिये पढ़िये उपन्यास - 'अँगना कँगना'

Anganaa Kanganaa: Novel
157
Anganaa Kanganaa: Novel
157Product Details
ISBN-13: | 9789355591982 |
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Publisher: | Pencil |
Publication date: | 12/22/2021 |
Sold by: | PUBLISHDRIVE KFT |
Format: | eBook |
Pages: | 157 |
File size: | 8 MB |
Language: | Hindi |