उपनिषदों को अध्यात्म-विद्या की पराकाष्ठा माना गया है । यह वचन जितना भी मान्य अथवा अमान्य हो, यह निस्सन्देह है कि अध्यात्म-मार्गी के लिए उपनिषद् पथ के दीपक हैं – ये उसे अध्यात्म मार्ग पर प्रेरित करते हैं, उसे इस मार्ग का ज्ञान देते हैं, और जब वह इस मार्ग की कठिनता से हतोत्साह हो जाता है, तो ये उसको पुनः खड़ा करके, उसे आगे को धक्का देते हैं ! ये भक्ति से ओतप्रोत हैं और जीवन के परम लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त करने के द्वार हैं । इनके काव्य से मन प्रफुल्लित हो जाता है और इनकी कथाएं गूढ़ उपदेशों को सरलता से प्रकाशित कर देती हैं ।
प्रमुख ग्यारह उपनिषदों में से ईश और माण्डूक्य को छोड़, इस पुस्तक में आप अन्य सभी उपनिषदों के विषय में ज्ञान प्राप्त करेंगे । जबकि यहां सम्पूर्ण उपनिषदों की शब्दशः व्याख्या तो नहीं है, तथापि यहां छोटे-छोटे लेखों के माध्यम से उनका परिचय और उनके कुछ हृदयग्राही प्रकरणों का विस्तृत विवरण है । उपनिषद् अपनी आलंकारिक भाषा के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसके कारण अनेक बार उनके अर्थ स्पष्ट नहीं दीखते । इस पुस्तक में आप ऐसे अनेकों भागों के छिपे हुए अर्थ सरल भाषा में उद्घाटित पाएगें, जो आज तक काल के कपाल में दबे थे ।
आइए, भारत की सर्वश्रेष्ठ धरोहर के विषय में कुछ और जानें !