?????? ?? ????? (Samarasata Ke Bhagiratha)
लाखों वर्षों की परकीय सत्ता के कारण समाज के मूलभूत ढाँचे में जो विकृत्ति उत्पन्न हुई, जिसके चलते विषमता जैसी घोर नारकीय प्रवृत्ति ने वीभत्स रूप धारण किया जिसके फलस्वरूप समाज का ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो गया और लाखों वर्षों की ट्टषि-मुनियों की साधना मानो निष्फल हो गई, राम-राज्य वाला समाज अंतर्द्वन्द के चलते धू-धू कर जलने लगा। इसी घनेरी निशा में टिमटिमाते दीप की भाँति स्वयं को तिल-तिल जलाकर घोर तिमिर रूपी विष का पान करने के लिए संतों की एक सुदीर्घ श्रृंखला खड़ी हुई जिनमें श्रेष्ठ संत रैदास, स्वामी नारायण गुरू, गुरू घासीदास, स्वामी रामानंद, गुरू नानकदेव, स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी श्रद्धानंद, राजा राममोहन राय, स्वामी विवेकानंद, महात्मा ज्योतिबाफुले, डॉ. भीमराव आंबेडकर एवं द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिवराव गोलवलकर ‘‘श्री गुरूजी’’ आदि सभी ने अंतद्र्वन्द्वों से ऊपर उठकर जनमानस का पथ पुनरावलोकित किया। इसी अंतर्वेदना ने इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा एवं उन सभी के द्वारा किए गए कार्यों को भावी पीढ़ी के सामने लाने, कृतज्ञता का भाव जगाने का संकल्प आदि ही इस पुस्तक का सार रूप निवेदित है।
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लाखों वर्षों की परकीय सत्ता के कारण समाज के मूलभूत ढाँचे में जो विकृत्ति उत्पन्न हुई, जिसके चलते विषमता जैसी घोर नारकीय प्रवृत्ति ने वीभत्स रूप धारण किया जिसके फलस्वरूप समाज का ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो गया और लाखों वर्षों की ट्टषि-मुनियों की साधना मानो निष्फल हो गई, राम-राज्य वाला समाज अंतर्द्वन्द के चलते धू-धू कर जलने लगा। इसी घनेरी निशा में टिमटिमाते दीप की भाँति स्वयं को तिल-तिल जलाकर घोर तिमिर रूपी विष का पान करने के लिए संतों की एक सुदीर्घ श्रृंखला खड़ी हुई जिनमें श्रेष्ठ संत रैदास, स्वामी नारायण गुरू, गुरू घासीदास, स्वामी रामानंद, गुरू नानकदेव, स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी श्रद्धानंद, राजा राममोहन राय, स्वामी विवेकानंद, महात्मा ज्योतिबाफुले, डॉ. भीमराव आंबेडकर एवं द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिवराव गोलवलकर ‘‘श्री गुरूजी’’ आदि सभी ने अंतद्र्वन्द्वों से ऊपर उठकर जनमानस का पथ पुनरावलोकित किया। इसी अंतर्वेदना ने इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा एवं उन सभी के द्वारा किए गए कार्यों को भावी पीढ़ी के सामने लाने, कृतज्ञता का भाव जगाने का संकल्प आदि ही इस पुस्तक का सार रूप निवेदित है।
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Product Details
ISBN-13: | 9789353248376 |
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Publisher: | GenNext Publication |
Publication date: | 06/30/2019 |
Sold by: | Barnes & Noble |
Format: | eBook |
Pages: | 108 |
File size: | 2 MB |
Language: | Hindi |
From the B&N Reads Blog