Ek Omkar Satnam (एक ओंकार सतनाम: इधर से गुजरा था सोचा सलाम
नानक ने परमात्मा को गा-गाकर पाया। गीतों से पटा है मार्ग नानक का। इसलिए नानक की खोज बड़ी भिन्न है। नानक ने योग नहीं किया, तप नहीं किया, ध्यान नहीं किया। नानक ने सिर्फ गाया। और गाकर ही पा लिया। लेकिन गाया उन्होंने इतने पूरे प्राण से कि गीत ही ध्यान हो गया, गीत ही योग बन गया, गीत ही तप हो गया।
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Ek Omkar Satnam (एक ओंकार सतनाम: इधर से गुजरा था सोचा सलाम
नानक ने परमात्मा को गा-गाकर पाया। गीतों से पटा है मार्ग नानक का। इसलिए नानक की खोज बड़ी भिन्न है। नानक ने योग नहीं किया, तप नहीं किया, ध्यान नहीं किया। नानक ने सिर्फ गाया। और गाकर ही पा लिया। लेकिन गाया उन्होंने इतने पूरे प्राण से कि गीत ही ध्यान हो गया, गीत ही योग बन गया, गीत ही तप हो गया।
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Ek Omkar Satnam (एक ओंकार सतनाम: इधर से गुजरा था सोचा सलाम
442Hardcover
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Product Details
ISBN-13: | 9789352969135 |
---|---|
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt Ltd |
Publication date: | 12/22/2020 |
Pages: | 442 |
Product dimensions: | 5.50(w) x 8.50(h) x 1.00(d) |
Language: | Hindi |
From the B&N Reads Blog