Ek Omkar Satnam (एक ओंकार सतनाम: इधर से गुजरा था सोचा सलाम 
नानक ने परमात्मा को गा-गाकर पाया। गीतों से पटा है मार्ग नानक का। इसलिए नानक की खोज बड़ी भिन्न है। नानक ने योग नहीं किया, तप नहीं किया, ध्यान नहीं किया। नानक ने सिर्फ गाया। और गाकर ही पा लिया। लेकिन गाया उन्होंने इतने पूरे प्राण से कि गीत ही ध्यान हो गया, गीत ही योग बन गया, गीत ही तप हो गया।
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Ek Omkar Satnam (एक ओंकार सतनाम: इधर से गुजरा था सोचा सलाम 
नानक ने परमात्मा को गा-गाकर पाया। गीतों से पटा है मार्ग नानक का। इसलिए नानक की खोज बड़ी भिन्न है। नानक ने योग नहीं किया, तप नहीं किया, ध्यान नहीं किया। नानक ने सिर्फ गाया। और गाकर ही पा लिया। लेकिन गाया उन्होंने इतने पूरे प्राण से कि गीत ही ध्यान हो गया, गीत ही योग बन गया, गीत ही तप हो गया।
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Ek Omkar Satnam (एक ओंकार सतनाम: इधर से गुजरा था सोचा सलाम 

Ek Omkar Satnam (एक ओंकार सतनाम: इधर से गुजरा था सोचा सलाम 

by Osho
Ek Omkar Satnam (एक ओंकार सतनाम: इधर से गुजरा था सोचा सलाम 

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by Osho

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Overview

नानक ने परमात्मा को गा-गाकर पाया। गीतों से पटा है मार्ग नानक का। इसलिए नानक की खोज बड़ी भिन्न है। नानक ने योग नहीं किया, तप नहीं किया, ध्यान नहीं किया। नानक ने सिर्फ गाया। और गाकर ही पा लिया। लेकिन गाया उन्होंने इतने पूरे प्राण से कि गीत ही ध्यान हो गया, गीत ही योग बन गया, गीत ही तप हो गया।

Product Details

ISBN-13: 9789352969135
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd
Publication date: 12/22/2020
Pages: 442
Product dimensions: 5.50(w) x 8.50(h) x 1.00(d)
Language: Hindi
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