Jaat Hamari Brahm Hai (जात हमारी ब्रह्म है)
ओशो के प्ररवर विचारों ने, ओजस्वी वाणी ने मनुष्यता के दुश्मनों पर, संप्रदायों पर, -मठाधीशों पर, अंधे राजनेताओं पर, जोरदार प्रहार किया। लेकिन पत्र-पत्रिकाओं ने छापी या तो ओशो पर चटपटी मनगढंत खबरें या उनकी निंदा की, भ्रम के बादल फैलाए। ये - भ्रम के बादल आडे आ गये ओशो और लोगों के। जैसे सूरज के आगे बादल आ जाते हैं। इससे देर हई। इससे देर हो रही है मनुष्य के सौभाग्य को मनुष्य तक पहुंचने में।
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Jaat Hamari Brahm Hai (जात हमारी ब्रह्म है)
ओशो के प्ररवर विचारों ने, ओजस्वी वाणी ने मनुष्यता के दुश्मनों पर, संप्रदायों पर, -मठाधीशों पर, अंधे राजनेताओं पर, जोरदार प्रहार किया। लेकिन पत्र-पत्रिकाओं ने छापी या तो ओशो पर चटपटी मनगढंत खबरें या उनकी निंदा की, भ्रम के बादल फैलाए। ये - भ्रम के बादल आडे आ गये ओशो और लोगों के। जैसे सूरज के आगे बादल आ जाते हैं। इससे देर हई। इससे देर हो रही है मनुष्य के सौभाग्य को मनुष्य तक पहुंचने में।
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Jaat Hamari Brahm Hai (जात हमारी ब्रह्म है)
170
Jaat Hamari Brahm Hai (जात हमारी ब्रह्म है)
170Paperback
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Product Details
ISBN-13: | 9788128822124 |
---|---|
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt Ltd |
Publication date: | 09/30/2025 |
Pages: | 170 |
Product dimensions: | 5.00(w) x 7.00(h) x 0.39(d) |
Language: | Hindi |
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