pili sari

मेरा करछी से कलम तक का सफ़र बहुत रोमांचक है, जिसे सिर्फ मैं ही महसूस कर सकती हूँ क्योंकि इसका एक-एक पल मैंने जिया है. उम्र के सातवें दशक में मैंने जिन विषमताओं में कंप्यूटर-ज्ञान हासिल करने के साथ ही इंटरनेट की दुनिया से केवल अच्छा साहित्य (उपन्यास, कहानियाँ, लघुकथाएँ आदि) पढ़ने के लिए कदम रखा, उन्हीं परिस्थितियों ने मेरे कवि मन को साहित्य की सरस धारा में सराबोर करके रख दिया. शुरुआत तो गीत, ग़ज़ल, दोहे, कुण्डलिया आदि विविध छंद-रचनाओं से हुई और तीन संग्रह भी प्रकाशित हुए लेकिन फिर अचानक मन फिर से गद्य लेखन (कहानी, लघुकथा आदि) की ओर मुड़ गया और पठन-लेखन साथ साथ चल पड़े. मुझे विश्वास है कि ये लघुकथाएँ आपको
अवश्य पसंद आएंगी और आप आगे भी मुझे प्रोत्साहित करते रहेंगे.

-कल्पना रामानी

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मेरा करछी से कलम तक का सफ़र बहुत रोमांचक है, जिसे सिर्फ मैं ही महसूस कर सकती हूँ क्योंकि इसका एक-एक पल मैंने जिया है. उम्र के सातवें दशक में मैंने जिन विषमताओं में कंप्यूटर-ज्ञान हासिल करने के साथ ही इंटरनेट की दुनिया से केवल अच्छा साहित्य (उपन्यास, कहानियाँ, लघुकथाएँ आदि) पढ़ने के लिए कदम रखा, उन्हीं परिस्थितियों ने मेरे कवि मन को साहित्य की सरस धारा में सराबोर करके रख दिया. शुरुआत तो गीत, ग़ज़ल, दोहे, कुण्डलिया आदि विविध छंद-रचनाओं से हुई और तीन संग्रह भी प्रकाशित हुए लेकिन फिर अचानक मन फिर से गद्य लेखन (कहानी, लघुकथा आदि) की ओर मुड़ गया और पठन-लेखन साथ साथ चल पड़े. मुझे विश्वास है कि ये लघुकथाएँ आपको
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मेरा करछी से कलम तक का सफ़र बहुत रोमांचक है, जिसे सिर्फ मैं ही महसूस कर सकती हूँ क्योंकि इसका एक-एक पल मैंने जिया है. उम्र के सातवें दशक में मैंने जिन विषमताओं में कंप्यूटर-ज्ञान हासिल करने के साथ ही इंटरनेट की दुनिया से केवल अच्छा साहित्य (उपन्यास, कहानियाँ, लघुकथाएँ आदि) पढ़ने के लिए कदम रखा, उन्हीं परिस्थितियों ने मेरे कवि मन को साहित्य की सरस धारा में सराबोर करके रख दिया. शुरुआत तो गीत, ग़ज़ल, दोहे, कुण्डलिया आदि विविध छंद-रचनाओं से हुई और तीन संग्रह भी प्रकाशित हुए लेकिन फिर अचानक मन फिर से गद्य लेखन (कहानी, लघुकथा आदि) की ओर मुड़ गया और पठन-लेखन साथ साथ चल पड़े. मुझे विश्वास है कि ये लघुकथाएँ आपको
अवश्य पसंद आएंगी और आप आगे भी मुझे प्रोत्साहित करते रहेंगे.

-कल्पना रामानी


Product Details

BN ID: 2940155963332
Publisher: ?????? ??????
Publication date: 01/31/2019
Sold by: Smashwords
Format: eBook
File size: 182 KB
Language: Hindi

About the Author

६ जून १९५१ को उज्जैन में जन्म। कंप्यूटर से जुड़ने के बाद रचनात्मक सक्रियता। कहानियाँ, लघुकथाओं के अलावा गीत, गजल आदि छंद विधाओं में रुचि.
लेखन की शुरुवात -सितम्बर २०११ से
रचनाएँ अनेक स्तरीय मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं के साथ ही अंतर्जाल पर लगातार प्रकाशित होती रहती हैं।

*प्रकाशित कृतियाँ-
१)नवगीत संग्रह- “हौसलों के पंख”(२०१३-अंजुमन प्रकाशन)
३)गीत-नवगीत- संग्रह-“खेतों ने ख़त लिखा”(२०१६-अयन प्रकाशन)
४)ग़ज़ल संग्रह- संग्रह मैं ‘ग़ज़ल कहती रहूँगी’(२०१६ अयन प्रकाशन)

*पुरस्कार व सम्मान
-पूर्णिमा वर्मन(संपादक वेब पत्रिका-“अभिव्यक्ति-अनुभूति”)द्वारा मेरे प्रथम नवगीत संग्रह पर नवांकुर पुरस्कार से सम्मानित
-कहानी प्रधान पत्रिका कथाबिम्ब में प्रकाशित कहानी 'कसाईखाना' कमलेश्वर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित
- कहानी 'अपने-अपने हिस्से की धूप" प्रतिलिपि कहानी प्रतियोगिता में प्रथम व लघुकथा "दासता के दाग" के लिए लघुकथा प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित

*सम्प्रति
वर्तमान में वेब पर प्रकाशित होने वाली पत्रिका- अभिव्यक्ति-
अनुभूति(संपादक/पूर्णिमा वर्मन) के सह-संपादक पद पर कार्यरत।

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