पेशे से एक कंप्यूटर प्रोग्रामर , कानपुर की गलियों मे एलएमएल-वेस्पा चलाते चलाते एक दिन खुद को अमेरिका में तेज ट्रैफिक में पाया। अभी तक तेजरफ्ता रही इस जिंदगी में, जो अभी तक गुजरा है, उसमें से जो कुछ खट्टा - मीठा या गुदगुदाता सा है उन रोचक संस्मरणों , समाज के मुद्दों को एक ब्लॉग पर वर्ष २००४ में लिखना शुरू कर दिया। उस समय ब्लॉग का नाम भी महज चुहलबाज़ दिमाग की उपज से पैदा हुआ था "रोजनामचा" । वर्ष २००८ आते आते जिदंगी की जद्दोजहद या फिर Writer block के चलते लेखन स्थगित हो गया। तमाम मित्रों के कोंचने , और भाई अनूप शुक्ल के लगातार उकसाने (प्रोत्साहन ) के बावजूद लेखकीय खुजली दुबारा न जागी। अब कालेज में पड़ने वाली बिटिया के उकसावे पर अपने लेखों को झाड़ पोंछ के दो भागो में विभाजित कर पुस्तक रूप में पेश कर रहा हूँ ।पुस्तक पसंद आएगी ऐसी आशा है। आपके विचारो सुझावों का इंतजार रहेगा।
पेशे से एक कंप्यूटर प्रोग्रामर , कानपुर की गलियों मे एलएमएल-वेस्पा चलाते चलाते एक दिन खुद को अमेरिका में तेज ट्रैफिक में पाया। अभी तक तेजरफ्ता रही इस जिंदगी में, जो अभी तक गुजरा है, उसमें से जो कुछ खट्टा - मीठा या गुदगुदाता सा है उन रोचक संस्मरणों , समाज के मुद्दों को एक ब्लॉग पर वर्ष २००४ में लिखना शुरू कर दिया। उस समय ब्लॉग का नाम भी महज चुहलबाज़ दिमाग की उपज से पैदा हुआ था "रोजनामचा" । वर्ष २००८ आते आते जिदंगी की जद्दोजहद या फिर Writer block के चलते लेखन स्थगित हो गया। तमाम मित्रों के कोंचने , और भाई अनूप शुक्ल के लगातार उकसाने (प्रोत्साहन ) के बावजूद लेखकीय खुजली दुबारा न जागी। अब कालेज में पड़ने वाली बिटिया के उकसावे पर अपने लेखों को झाड़ पोंछ के दो भागो में विभाजित कर पुस्तक रूप में पेश कर रहा हूँ ।पुस्तक पसंद आएगी ऐसी आशा है। आपके विचारो सुझावों का इंतजार रहेगा।

rojanamaca - (bhaga 1)

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Product Details
BN ID: | 2940153722153 |
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Publisher: | Atul |
Publication date: | 08/06/2016 |
Sold by: | Smashwords |
Format: | eBook |
File size: | 5 MB |
Language: | Hindi |