अजय और अभय, ठाकुर केदार सिंह के दो बेटे थे। ठाकुर साहब खुफिया पुलिस की सेवा में थे और उनके विचार बड़े महान थे। सारे भारत को वह एक परिवार और सभी लोगों को एक जाति ’’भारतीय जाति’’ तथा सभी धर्मो को एक धर्म ‘‘मानव धर्म’’ मानते थे। इन्हीं बातों का प्रभाव उनके बेटों पर था, वे दोनों खूब मस्ती से खेलते, दिल लगा कर पढ़ते और कभी भी किसी के साथ कोई भेद भाव नहीं करते थे। देश के प्रति उनके मन में बड़ा सम्मान था।कस्बे में दंगा फैलने की वजह से सब डरे हुए हैं कि अजय और अभय को कस्बे में कुछ शंकास्पद लोग दिखते हैं तो बाल जासूसों की जान पर खेल ने वाली करामात से स्थानीय कठपुतलियों के साथ विदेशी षड्यंत्रकारी का भी पता चलता है।
अजय और अभय, ठाकुर केदार सिंह के दो बेटे थे। ठाकुर साहब खुफिया पुलिस की सेवा में थे और उनके विचार बड़े महान थे। सारे भारत को वह एक परिवार और सभी लोगों को एक जाति ’’भारतीय जाति’’ तथा सभी धर्मो को एक धर्म ‘‘मानव धर्म’’ मानते थे। इन्हीं बातों का प्रभाव उनके बेटों पर था, वे दोनों खूब मस्ती से खेलते, दिल लगा कर पढ़ते और कभी भी किसी के साथ कोई भेद भाव नहीं करते थे। देश के प्रति उनके मन में बड़ा सम्मान था।कस्बे में दंगा फैलने की वजह से सब डरे हुए हैं कि अजय और अभय को कस्बे में कुछ शंकास्पद लोग दिखते हैं तो बाल जासूसों की जान पर खेल ने वाली करामात से स्थानीय कठपुतलियों के साथ विदेशी षड्यंत्रकारी का भी पता चलता है।

Sange Ka Shadyantr: Baal Upanyaas
61
Sange Ka Shadyantr: Baal Upanyaas
61Product Details
ISBN-13: | 9789354385605 |
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Publisher: | Pencil |
Publication date: | 04/28/2021 |
Sold by: | PUBLISHDRIVE KFT |
Format: | eBook |
Pages: | 61 |
File size: | 5 MB |
Language: | Hindi |