मोह-मोह के धागे
मोह-मोह के धागे किताब में शब्दों का वह संसार है जो प्रेम, करुणा और संवेदनाओं के सागर से निकली है। वैसे तो ऐसा कोई दिल नहीं, जिसमें प्रेम और करुणा की भावनाएं हिलोरें न लेती हों। शब्दों की यह दुनिया गांव की पगडंडियों से सुदूर अमेरिका-साइबेरिया तक फैली है। इसमें मां का ममत्व है तो प्रेयसी का प्यार भी। इसमें यार-दोस्तों की चुहलबाजी है और शाश्वत बहते समय की सीख भी। इसमें भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झीलों में से एक सांभर लेक में देश की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी का शाब्दिक चित्रण भी है। जो एक लंबी कविता के रूप में मेहमान परिंदों-फ्लेमिंगो का शोक गीत बन गया है।
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मोह-मोह के धागे
मोह-मोह के धागे किताब में शब्दों का वह संसार है जो प्रेम, करुणा और संवेदनाओं के सागर से निकली है। वैसे तो ऐसा कोई दिल नहीं, जिसमें प्रेम और करुणा की भावनाएं हिलोरें न लेती हों। शब्दों की यह दुनिया गांव की पगडंडियों से सुदूर अमेरिका-साइबेरिया तक फैली है। इसमें मां का ममत्व है तो प्रेयसी का प्यार भी। इसमें यार-दोस्तों की चुहलबाजी है और शाश्वत बहते समय की सीख भी। इसमें भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झीलों में से एक सांभर लेक में देश की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी का शाब्दिक चित्रण भी है। जो एक लंबी कविता के रूप में मेहमान परिंदों-फ्लेमिंगो का शोक गीत बन गया है।
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मोह-मोह के धागे

मोह-मोह के धागे

by Harish Malik
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Overview

मोह-मोह के धागे किताब में शब्दों का वह संसार है जो प्रेम, करुणा और संवेदनाओं के सागर से निकली है। वैसे तो ऐसा कोई दिल नहीं, जिसमें प्रेम और करुणा की भावनाएं हिलोरें न लेती हों। शब्दों की यह दुनिया गांव की पगडंडियों से सुदूर अमेरिका-साइबेरिया तक फैली है। इसमें मां का ममत्व है तो प्रेयसी का प्यार भी। इसमें यार-दोस्तों की चुहलबाजी है और शाश्वत बहते समय की सीख भी। इसमें भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झीलों में से एक सांभर लेक में देश की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी का शाब्दिक चित्रण भी है। जो एक लंबी कविता के रूप में मेहमान परिंदों-फ्लेमिंगो का शोक गीत बन गया है।

Product Details

ISBN-13: 9789369541591
Publisher: Bookleaf Publishing
Publication date: 05/20/2025
Pages: 124
Product dimensions: 5.00(w) x 8.00(h) x 0.26(d)
Language: Hindi

About the Author

पुस्तक के लेखक हरीश मलिक करीब तीन दशक से पत्रकारिता कर रहे हैं। राजस्थान पत्रिका जयपुर में राज्य संपादक रहे लेखक ने दैनिक भास्कर, अमर उजाला, दैनिक जागरण, न्यूज18 नेटवर्क आदि राष्ट्रीय अखबारों के तीनों माध्यम (प्रिंट, डिजिटल और टीवी) में सेवाएं दीं हैं। वे चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान के विभिन्न बड़े शहरों और राजधानियों में कार्यरत रहे हैं। संप्रति वे पीएमओ से जुड़कर देशसेवा के कार्य में जुटे हुए हैं।
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