ज़िंदगी की रहगुज़र
यह काव्य संकलन प्रेम, विरह, आत्म-खोज और उन जटिल भावनाओं की एक मार्मिक यात्रा है जो मानवीय अस्तित्व को आकार देती हैं। हर कविता कवि के अंतर्मन की गहरी अभिव्यक्ति है, जहाँ प्रेम की सच्चाई, जीवन के दोराहे, दूरी का प्रभाव और रिश्तों की नाजुक लेकिन मजबूत प्रकृति को उजागर किया गया है। ये कविताएँ मानवीय संवेदनाओं के सार को छूती हैं-अधूरी इच्छाएँ, टूटे हुए सपने और उस आशा का दर्पण जो जीवन के संघर्षों के बावजूद जीवित रहती है। कवि नियति की जटिलताओं, बिछड़ने के दर्द, शब्दों के अनकहे बोझ और अस्तित्व की खोज को लेकर गहन विचार प्रस्तुत करता है। कुछ कविताएँ एकाकीपन के विषाद को गले लगाती हैं, तो कुछ संघर्षों के बावजूद आगे बढ़ने का जज़्बा जगाती हैं।
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ज़िंदगी की रहगुज़र
यह काव्य संकलन प्रेम, विरह, आत्म-खोज और उन जटिल भावनाओं की एक मार्मिक यात्रा है जो मानवीय अस्तित्व को आकार देती हैं। हर कविता कवि के अंतर्मन की गहरी अभिव्यक्ति है, जहाँ प्रेम की सच्चाई, जीवन के दोराहे, दूरी का प्रभाव और रिश्तों की नाजुक लेकिन मजबूत प्रकृति को उजागर किया गया है। ये कविताएँ मानवीय संवेदनाओं के सार को छूती हैं-अधूरी इच्छाएँ, टूटे हुए सपने और उस आशा का दर्पण जो जीवन के संघर्षों के बावजूद जीवित रहती है। कवि नियति की जटिलताओं, बिछड़ने के दर्द, शब्दों के अनकहे बोझ और अस्तित्व की खोज को लेकर गहन विचार प्रस्तुत करता है। कुछ कविताएँ एकाकीपन के विषाद को गले लगाती हैं, तो कुछ संघर्षों के बावजूद आगे बढ़ने का जज़्बा जगाती हैं।
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ज़िंदगी की रहगुज़र
42
ज़िंदगी की रहगुज़र
42Paperback
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Product Details
ISBN-13: | 9789369543199 |
---|---|
Publisher: | Bookleaf Publishing |
Publication date: | 04/30/2025 |
Pages: | 42 |
Product dimensions: | 5.00(w) x 8.00(h) x 0.09(d) |
Language: | Hindi |
About the Author
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