ज़िंदगी की रहगुज़र
यह काव्य संकलन प्रेम, विरह, आत्म-खोज और उन जटिल भावनाओं की एक मार्मिक यात्रा है जो मानवीय अस्तित्व को आकार देती हैं। हर कविता कवि के अंतर्मन की गहरी अभिव्यक्ति है, जहाँ प्रेम की सच्चाई, जीवन के दोराहे, दूरी का प्रभाव और रिश्तों की नाजुक लेकिन मजबूत प्रकृति को उजागर किया गया है। ये कविताएँ मानवीय संवेदनाओं के सार को छूती हैं-अधूरी इच्छाएँ, टूटे हुए सपने और उस आशा का दर्पण जो जीवन के संघर्षों के बावजूद जीवित रहती है। कवि नियति की जटिलताओं, बिछड़ने के दर्द, शब्दों के अनकहे बोझ और अस्तित्व की खोज को लेकर गहन विचार प्रस्तुत करता है। कुछ कविताएँ एकाकीपन के विषाद को गले लगाती हैं, तो कुछ संघर्षों के बावजूद आगे बढ़ने का जज़्बा जगाती हैं।
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ज़िंदगी की रहगुज़र
यह काव्य संकलन प्रेम, विरह, आत्म-खोज और उन जटिल भावनाओं की एक मार्मिक यात्रा है जो मानवीय अस्तित्व को आकार देती हैं। हर कविता कवि के अंतर्मन की गहरी अभिव्यक्ति है, जहाँ प्रेम की सच्चाई, जीवन के दोराहे, दूरी का प्रभाव और रिश्तों की नाजुक लेकिन मजबूत प्रकृति को उजागर किया गया है। ये कविताएँ मानवीय संवेदनाओं के सार को छूती हैं-अधूरी इच्छाएँ, टूटे हुए सपने और उस आशा का दर्पण जो जीवन के संघर्षों के बावजूद जीवित रहती है। कवि नियति की जटिलताओं, बिछड़ने के दर्द, शब्दों के अनकहे बोझ और अस्तित्व की खोज को लेकर गहन विचार प्रस्तुत करता है। कुछ कविताएँ एकाकीपन के विषाद को गले लगाती हैं, तो कुछ संघर्षों के बावजूद आगे बढ़ने का जज़्बा जगाती हैं।
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ज़िंदगी की रहगुज़र

ज़िंदगी की रहगुज़र

by अंकुर कु वर्मा
ज़िंदगी की रहगुज़र

ज़िंदगी की रहगुज़र

by अंकुर कु वर्मा

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Overview

यह काव्य संकलन प्रेम, विरह, आत्म-खोज और उन जटिल भावनाओं की एक मार्मिक यात्रा है जो मानवीय अस्तित्व को आकार देती हैं। हर कविता कवि के अंतर्मन की गहरी अभिव्यक्ति है, जहाँ प्रेम की सच्चाई, जीवन के दोराहे, दूरी का प्रभाव और रिश्तों की नाजुक लेकिन मजबूत प्रकृति को उजागर किया गया है। ये कविताएँ मानवीय संवेदनाओं के सार को छूती हैं-अधूरी इच्छाएँ, टूटे हुए सपने और उस आशा का दर्पण जो जीवन के संघर्षों के बावजूद जीवित रहती है। कवि नियति की जटिलताओं, बिछड़ने के दर्द, शब्दों के अनकहे बोझ और अस्तित्व की खोज को लेकर गहन विचार प्रस्तुत करता है। कुछ कविताएँ एकाकीपन के विषाद को गले लगाती हैं, तो कुछ संघर्षों के बावजूद आगे बढ़ने का जज़्बा जगाती हैं।

Product Details

ISBN-13: 9789369543199
Publisher: Bookleaf Publishing
Publication date: 04/30/2025
Pages: 42
Product dimensions: 5.00(w) x 8.00(h) x 0.09(d)
Language: Hindi

About the Author

अंकुर कुमार वर्मा एक संवेदनशील कवि, लेखक और विचारक हैं, जिनकी रचनाएँ जीवन के गहरे रंगों को उकेरती हैं। उनकी कविताएँ प्रेम, बिछड़ाव, आत्मखोज, और अस्तित्व के द्वंद्व को दर्शाते हुए पाठकों को आत्मविश्लेषण की ओर ले जाती हैं। कला और साहित्य के प्रति अपने प्रेम के साथ-साथ, अंकुर ने कॉर्पोरेट जगत में भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। वे कई प्रतिष्ठित कंपनियों में अपने पेशेवर अनुभव के माध्यम से सृजनात्मकता और तकनीकी दक्षता के संगम को जीते हैं।
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