निर्झरिणी
लेखिका स्वयं को एक निरंतर बहते हुए निर्झर की तरह देखती है-जहाँ हर विचार, हर अनुभव,एक बूँद बनकर प्रवाहित होता है।'निर्झरिणी' उस आत्म-संवाद की एक झलक है। यह पुस्तक उसके भीतर प्रवाहित उस अंतः सलिला की अभिव्यक्ति है, जो जीवन के उतार-चढ़ाव, आध्यात्मिक खोज और आत्मनिरीक्षणों के क्षण में संचित हुई है।'निर्झरिणी' उन बूँदों की एक अर्पण-माला है-आपके हृदय-चरण में।
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निर्झरिणी
लेखिका स्वयं को एक निरंतर बहते हुए निर्झर की तरह देखती है-जहाँ हर विचार, हर अनुभव,एक बूँद बनकर प्रवाहित होता है।'निर्झरिणी' उस आत्म-संवाद की एक झलक है। यह पुस्तक उसके भीतर प्रवाहित उस अंतः सलिला की अभिव्यक्ति है, जो जीवन के उतार-चढ़ाव, आध्यात्मिक खोज और आत्मनिरीक्षणों के क्षण में संचित हुई है।'निर्झरिणी' उन बूँदों की एक अर्पण-माला है-आपके हृदय-चरण में।
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by Indu Mati Rai
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Overview

लेखिका स्वयं को एक निरंतर बहते हुए निर्झर की तरह देखती है-जहाँ हर विचार, हर अनुभव,एक बूँद बनकर प्रवाहित होता है।'निर्झरिणी' उस आत्म-संवाद की एक झलक है। यह पुस्तक उसके भीतर प्रवाहित उस अंतः सलिला की अभिव्यक्ति है, जो जीवन के उतार-चढ़ाव, आध्यात्मिक खोज और आत्मनिरीक्षणों के क्षण में संचित हुई है।'निर्झरिणी' उन बूँदों की एक अर्पण-माला है-आपके हृदय-चरण में।

Product Details

ISBN-13: 9789370923911
Publisher: Bookleaf Publishing
Publication date: 06/24/2025
Pages: 70
Product dimensions: 5.00(w) x 8.00(h) x 0.15(d)
Language: Hindi

About the Author

शिक्षा, लेखिका के लिए केवल डिग्रियाँ नहीं, आत्म -विकास और बौद्धिक साधना का माध्यम रही है। लेखिका ने संस्कृत और हिंदी में M.A, M.Ed. तथा हिंदी साहित्य में PhD की उपाधियाँ प्राप्त कीं। अध्ययन ने उसके सोच को दिशा दी।लेखन उसका कभी लक्ष्य नहीं रहा, यह उसके भीतर बहने वाली अंतःसलिला का सहज प्रस्फुटन है। 'निर्झरिणी' इस पुकार की अभिव्यक्ति है।
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