हर पल ज़िंदगी
""इस पुस्तक हर पल ज़िंदगी के माध्यम से आपके लिए स्नेह पूर्वक कुछ सहज रचनाएँ प्रेषित हैं जो जनमानस की स्वभाविक भावनाओं तथा जीवन के विभिन्न रंगों व रसों जैसे - सहज हास्य, सुख व दुख, प्रसन्नता व अवसाद,प्यार व क्रोध, मस्ती व उल्लास, तथा करुणा आदि को बड़ी सहजता से परिलक्षित करती हैं। साथ ही यह बताने का भी प्रयास करती हैं कि जीवन की हर विषमता हर मुश्किल में यदि अच्छे विचार कि एक सुनहरी किरण और ज़िंदादिली हो तो हर पल ज़िंदगी मस्ती भरी हो जाती है । इन रचनाओं में आपको सहज हिन्दी तथा स्थानीय भाषाओं की सुगंध तो मिलेगी ही साथ ही उर्दू ज़बान की नज़ाकत और नफ़ासत भी मिलेगी। हमें विश्वास है की स्व रचित कविताओं, गीत, भजन, नज़्म, गज़ल तथा क्षणिकाओं आदि का यह संग्रह आपका मन मोह लेगा, आपको अभिभूत कर देगा । "मन से मन" तक पहुँचना ही तो "सहज"सतीश का सहज प्रयास है। आशा है यह प्रयास, आपको जरूर भायेगा ।""
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हर पल ज़िंदगी
""इस पुस्तक हर पल ज़िंदगी के माध्यम से आपके लिए स्नेह पूर्वक कुछ सहज रचनाएँ प्रेषित हैं जो जनमानस की स्वभाविक भावनाओं तथा जीवन के विभिन्न रंगों व रसों जैसे - सहज हास्य, सुख व दुख, प्रसन्नता व अवसाद,प्यार व क्रोध, मस्ती व उल्लास, तथा करुणा आदि को बड़ी सहजता से परिलक्षित करती हैं। साथ ही यह बताने का भी प्रयास करती हैं कि जीवन की हर विषमता हर मुश्किल में यदि अच्छे विचार कि एक सुनहरी किरण और ज़िंदादिली हो तो हर पल ज़िंदगी मस्ती भरी हो जाती है । इन रचनाओं में आपको सहज हिन्दी तथा स्थानीय भाषाओं की सुगंध तो मिलेगी ही साथ ही उर्दू ज़बान की नज़ाकत और नफ़ासत भी मिलेगी। हमें विश्वास है की स्व रचित कविताओं, गीत, भजन, नज़्म, गज़ल तथा क्षणिकाओं आदि का यह संग्रह आपका मन मोह लेगा, आपको अभिभूत कर देगा । "मन से मन" तक पहुँचना ही तो "सहज"सतीश का सहज प्रयास है। आशा है यह प्रयास, आपको जरूर भायेगा ।""
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हर पल ज़िंदगी

हर पल ज़िंदगी

by सहजसतीश
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Overview

""इस पुस्तक हर पल ज़िंदगी के माध्यम से आपके लिए स्नेह पूर्वक कुछ सहज रचनाएँ प्रेषित हैं जो जनमानस की स्वभाविक भावनाओं तथा जीवन के विभिन्न रंगों व रसों जैसे - सहज हास्य, सुख व दुख, प्रसन्नता व अवसाद,प्यार व क्रोध, मस्ती व उल्लास, तथा करुणा आदि को बड़ी सहजता से परिलक्षित करती हैं। साथ ही यह बताने का भी प्रयास करती हैं कि जीवन की हर विषमता हर मुश्किल में यदि अच्छे विचार कि एक सुनहरी किरण और ज़िंदादिली हो तो हर पल ज़िंदगी मस्ती भरी हो जाती है । इन रचनाओं में आपको सहज हिन्दी तथा स्थानीय भाषाओं की सुगंध तो मिलेगी ही साथ ही उर्दू ज़बान की नज़ाकत और नफ़ासत भी मिलेगी। हमें विश्वास है की स्व रचित कविताओं, गीत, भजन, नज़्म, गज़ल तथा क्षणिकाओं आदि का यह संग्रह आपका मन मोह लेगा, आपको अभिभूत कर देगा । "मन से मन" तक पहुँचना ही तो "सहज"सतीश का सहज प्रयास है। आशा है यह प्रयास, आपको जरूर भायेगा ।""

Product Details

ISBN-13: 9789363306967
Publisher: Bookleaf Publishing
Publication date: 12/23/2024
Pages: 98
Product dimensions: 5.00(w) x 8.00(h) x 0.20(d)
Language: Hindi

About the Author

""सतीश कुमार अरोड़ा, जो "सहज"सतीश के नाम से लेखन करते हैं, एक सेवानिवृत्त रक्षा अधिकारी हैं, एक वक्ता, लेखक, विचारक, प्रेरक, एफएम रेडियो गैस्ट एवं होस्ट तथा पॉडकास्टर भी हैं। जो साठ" "60' के ठाठ नाम से एक पॉडकास्ट का निर्माण करते हैं तथा senior citizens के ज्ञान और ऊर्जा को यंग लोगों तक पहुँचने का प्रयास करते हैं । उनके पास हॉर्टिकल्चर, कृषि क्षेत्र एवं पशुधन के साथ कार्य करने का चालीस वर्षों से भी अधिक का अनुभव है। प्रकृति के प्रति उनके गहरे लगाव और संबंध ने समाज की गतिशीलता, सामाजिक संरचनाओं और संबंधों के प्रति उनकी समझ को और भी गहरा किया है। " मूक" मानोभावों को पढ़ने व समझने का फन उसकी रचनाओं में सहज ही परिलक्षित होता है। हालांकि सतीश कुमार अरोड़ा एक समर्पित लेखक रहे हैं, पर पुस्तक रूप में उनका यह पहला प्रकाशित संग्रह है।""
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