About the Book
'बातें बचपन की' की कहानियाँ भावनाओं और संवेदनाओं के कोमल धागों सी हैं। ये कहानियाँ कहीं गुदगुदाती हैं और कहीं हैरान करती हैं। हमारे परिवेश से जुड़ी और कल्पनाओं के अंबर में विचरती हैं ये। हर एक कहानी दूसरे से विलग है, परंतु हर कहानी बच्चों को हँसाते हुए या हैरान करते हुए, नई जानकारी अवश्य देती है। यह किताब हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद सीखने के लिए सर्वोत्तम है यह पुस्तक स्कूल जाने वाले छात्रों के लिए भी अच्छी है यह पुस्तक हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद सीखने में भी उपयोगी हो सकती है
About the Author
लेखिका एक फ्रीलांसर के रूप में काम करती हैं। इनकी कविताएँ और कहानियाँ कई राष्ट्रीय पत्रिकाओं में छपी हैं और कई सोशल मीडिया वेबसाइटों पर साझा की गई हैं। इन्होंने चार खंड, तीन कविता संग्रह और लघु कथाओं की एक पुस्तक प्रकाशित की है जिनके शीर्षक हैं, अनकहे पल पंचुडियो पर उगते शूल, आकाश के हाशिये पर और लघु कथाएँ- परिंदों तक। इनको राष्ट्रभाषा रत्न, साहित्य विभूषण और महादेवी वर्मा सम्मान से सम्मानित किया गया है और राष्ट्रपति भवन में प्रथम महिला श्रीमती विमला शर्मा द्वारा सम्मान पत्र से भी सम्मानित किया गया है। 6 जुलाई 1999 को विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ ने इन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदान की।
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'बातें बचपन की' की कहानियाँ भावनाओं और संवेदनाओं के कोमल धागों सी हैं। ये कहानियाँ कहीं गुदगुदाती हैं और कहीं हैरान करती हैं। हमारे परिवेश से जुड़ी और कल्पनाओं के अंबर में विचरती हैं ये। हर एक कहानी दूसरे से विलग है, परंतु हर कहानी बच्चों को हँसाते हुए या हैरान करते हुए, नई जानकारी अवश्य देती है। यह किताब हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद सीखने के लिए सर्वोत्तम है यह पुस्तक स्कूल जाने वाले छात्रों के लिए भी अच्छी है यह पुस्तक हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद सीखने में भी उपयोगी हो सकती है
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लेखिका एक फ्रीलांसर के रूप में काम करती हैं। इनकी कविताएँ और कहानियाँ कई राष्ट्रीय पत्रिकाओं में छपी हैं और कई सोशल मीडिया वेबसाइटों पर साझा की गई हैं। इन्होंने चार खंड, तीन कविता संग्रह और लघु कथाओं की एक पुस्तक प्रकाशित की है जिनके शीर्षक हैं, अनकहे पल पंचुडियो पर उगते शूल, आकाश के हाशिये पर और लघु कथाएँ- परिंदों तक। इनको राष्ट्रभाषा रत्न, साहित्य विभूषण और महादेवी वर्मा सम्मान से सम्मानित किया गया है और राष्ट्रपति भवन में प्रथम महिला श्रीमती विमला शर्मा द्वारा सम्मान पत्र से भी सम्मानित किया गया है। 6 जुलाई 1999 को विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ ने इन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदान की।

Baatein Bachpan Ki Part 1
94
Baatein Bachpan Ki Part 1
94Paperback
Product Details
ISBN-13: | 9789357760836 |
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Publisher: | Indiepress |
Publication date: | 05/08/2025 |
Pages: | 94 |
Product dimensions: | 5.50(w) x 8.50(h) x 0.19(d) |
Language: | Hindi |
Age Range: | 7 - 12 Years |