Krishan Aur Hasta Hua Dharam (कृष्ण और हँसता हुआ धर्म)
ओशो के प्रखर विचारों ने, ओजस्वी वाणी ने मनुष्यता के दुश्मनों पर, संप्रदायों पर, मठाधीशों पर, अंधे राजनेताओं पर, जोरदार प्रहार किया। लेकिन पत्र-पत्रिकाओं ने छापीं या तो ओशो पर चटपटी मनगढंत खबरें या उनकी निंदा की, भ्रम के बादल फैलाए। ये भ्रम के बादल आड़े आ गये ओशो और लोगों के। जैसे सूरज के आगे बादल आ जाते हैं। इससे देर हुई। इससे देर हो रही है मनुष्य के सौभाग्य को मनुष्य तक पहुंचने में।
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Krishan Aur Hasta Hua Dharam (कृष्ण और हँसता हुआ धर्म)
ओशो के प्रखर विचारों ने, ओजस्वी वाणी ने मनुष्यता के दुश्मनों पर, संप्रदायों पर, मठाधीशों पर, अंधे राजनेताओं पर, जोरदार प्रहार किया। लेकिन पत्र-पत्रिकाओं ने छापीं या तो ओशो पर चटपटी मनगढंत खबरें या उनकी निंदा की, भ्रम के बादल फैलाए। ये भ्रम के बादल आड़े आ गये ओशो और लोगों के। जैसे सूरज के आगे बादल आ जाते हैं। इससे देर हुई। इससे देर हो रही है मनुष्य के सौभाग्य को मनुष्य तक पहुंचने में।
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Krishan Aur Hasta Hua Dharam (कृष्ण और हँसता हुआ धर्म)
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Krishan Aur Hasta Hua Dharam (कृष्ण और हँसता हुआ धर्म)
154Hardcover
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Product Details
ISBN-13: | 9789354867026 |
---|---|
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt Ltd |
Publication date: | 03/09/2022 |
Pages: | 154 |
Product dimensions: | 5.50(w) x 8.50(h) x 0.50(d) |
Language: | Hindi |
From the B&N Reads Blog