Mere Aaradhya SHIV (मेरे आराध्य शिव)
भगवान शिव त्रिनेत्रधारी हैं। त्रिकालदर्शी हैं। त्रिलोकी हैं। त्रिदेव हैं। जिनकी जटाओं से गंगा अवतरित है। मस्तक पर चंद्रमा विराजमान हैं। जिनकी लंबी-लंबी जटाएं हैं। शरीर पर बाघ की छाल सुशोभित है। गले में रुद्राक्ष की माला है। शरीर पर अनेक सांप धारण किए हुए हैं। डमरू की धुन पर नृत्य करते हैं । त्रिशूल नामक शस्त्र से रक्षा करते हैं। नंदी उनका वाहन हैं। खीर उनका प्रिय है। भांग उन का भोग है। एक ऐसा व्यक्तित्व जो सदैव मानव कल्याण को तत्पर हैं। प्रकृति संरक्षक हैं। पशु प्रेमी हैं। विज्ञान एवं ज्ञान के मर्मज्ञ हैं। अध्यात्म और धर्म के व्याख्याकारों ने भगवान शिव द्वारा धारण सभी उपमानों की ज्ञानवर्धक व्याख्या की है।
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Mere Aaradhya SHIV (मेरे आराध्य शिव)
भगवान शिव त्रिनेत्रधारी हैं। त्रिकालदर्शी हैं। त्रिलोकी हैं। त्रिदेव हैं। जिनकी जटाओं से गंगा अवतरित है। मस्तक पर चंद्रमा विराजमान हैं। जिनकी लंबी-लंबी जटाएं हैं। शरीर पर बाघ की छाल सुशोभित है। गले में रुद्राक्ष की माला है। शरीर पर अनेक सांप धारण किए हुए हैं। डमरू की धुन पर नृत्य करते हैं । त्रिशूल नामक शस्त्र से रक्षा करते हैं। नंदी उनका वाहन हैं। खीर उनका प्रिय है। भांग उन का भोग है। एक ऐसा व्यक्तित्व जो सदैव मानव कल्याण को तत्पर हैं। प्रकृति संरक्षक हैं। पशु प्रेमी हैं। विज्ञान एवं ज्ञान के मर्मज्ञ हैं। अध्यात्म और धर्म के व्याख्याकारों ने भगवान शिव द्वारा धारण सभी उपमानों की ज्ञानवर्धक व्याख्या की है।
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Mere Aaradhya SHIV (मेरे आराध्य शिव)
218
Mere Aaradhya SHIV (मेरे आराध्य शिव)
218Paperback
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Product Details
ISBN-13: | 9789359643397 |
---|---|
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt Ltd |
Publication date: | 05/21/2024 |
Pages: | 218 |
Product dimensions: | 5.50(w) x 8.50(h) x 0.50(d) |
Language: | Hindi |
From the B&N Reads Blog