Premchandra ki prasiddh 51 kahaniyan
पुस्तक में संकलित 51 कहानियाँ हमें केवल एक लेखक की दृष्टि से परिचित नहीं करातीं, बल्कि वे एक समाज सुधारक की भूमिका को भी स्थापित करती हैं। प्रेमचंद की रचनाएँ आज भी प्रासंगिक हैं, क्योंकि उन्होंने जिस सामाजिक संघर्ष को अपनी कहानियों में व्यक्त किया, वह आज भी समाज के विभिन्न हिस्सों में महसूस किया जाता है। इस पुस्तक को पढ़कर पाठक न केवल मनोरंजन प्राप्त करेंगे, बल्कि उन्हें अपने आसपास की दुनिया को बेहतर समझने की दिशा मिलेगी। यह कृति न केवल साहित्यिक दृष्टि से समृद्ध है, बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश भी देती है, जो आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक है। अतः, प्रेमचंद की 51 कहानियों का यह संग्रह एक अमूल्य धरोहर है, जो समाज के विविध पहलुओं को समझने और आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है। यह पुस्तक पाठकों को न केवल एक साहित्यिक अनुभव देती है, बल्कि उन्हें अपने समाज की सच्चाइयों और दायित्वों का भी बोध कराती है।
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Premchandra ki prasiddh 51 kahaniyan
पुस्तक में संकलित 51 कहानियाँ हमें केवल एक लेखक की दृष्टि से परिचित नहीं करातीं, बल्कि वे एक समाज सुधारक की भूमिका को भी स्थापित करती हैं। प्रेमचंद की रचनाएँ आज भी प्रासंगिक हैं, क्योंकि उन्होंने जिस सामाजिक संघर्ष को अपनी कहानियों में व्यक्त किया, वह आज भी समाज के विभिन्न हिस्सों में महसूस किया जाता है। इस पुस्तक को पढ़कर पाठक न केवल मनोरंजन प्राप्त करेंगे, बल्कि उन्हें अपने आसपास की दुनिया को बेहतर समझने की दिशा मिलेगी। यह कृति न केवल साहित्यिक दृष्टि से समृद्ध है, बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश भी देती है, जो आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक है। अतः, प्रेमचंद की 51 कहानियों का यह संग्रह एक अमूल्य धरोहर है, जो समाज के विविध पहलुओं को समझने और आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है। यह पुस्तक पाठकों को न केवल एक साहित्यिक अनुभव देती है, बल्कि उन्हें अपने समाज की सच्चाइयों और दायित्वों का भी बोध कराती है।
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Premchandra ki prasiddh 51 kahaniyan
530
Premchandra ki prasiddh 51 kahaniyan
530Paperback
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Product Details
ISBN-13: | 9789367937877 |
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Publisher: | Prabhakar Prakashan Private Limited |
Publication date: | 01/23/2025 |
Pages: | 530 |
Product dimensions: | 5.50(w) x 8.50(h) x 1.18(d) |
Language: | Hindi |
From the B&N Reads Blog