Raag Tum
राग तुम' एक ही प्रकार के भावों की अभिव्याक्त, या यूँ कहा जाय कि एक ही मूड की, तीस कविताओं का संग्रह है। इसमें सर्वथा नवीन शैली तथा काव्य की नई धारा का प्रवाह है। भाषा सरल व सहज है; इसे क्लिष्ट शब्दों एवं व्याकरण की उलझनों से बचाया गया है। श्रृंगार, विशेषतया वियोग श्रृंगार का आश्रय लेकर मानवीय संवेदनाओं, आत्मा व ईश्वर के विषय में दार्शनिक विवेचना की गई है। आशा है कि सभी वर्ग के पाठकों को पसन्द आयेगी ।
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Raag Tum
राग तुम' एक ही प्रकार के भावों की अभिव्याक्त, या यूँ कहा जाय कि एक ही मूड की, तीस कविताओं का संग्रह है। इसमें सर्वथा नवीन शैली तथा काव्य की नई धारा का प्रवाह है। भाषा सरल व सहज है; इसे क्लिष्ट शब्दों एवं व्याकरण की उलझनों से बचाया गया है। श्रृंगार, विशेषतया वियोग श्रृंगार का आश्रय लेकर मानवीय संवेदनाओं, आत्मा व ईश्वर के विषय में दार्शनिक विवेचना की गई है। आशा है कि सभी वर्ग के पाठकों को पसन्द आयेगी ।
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Product Details
ISBN-13: | 9788119562053 |
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Publisher: | Redgrab Books Pvt Ltd |
Publication date: | 06/26/2025 |
Pages: | 130 |
Product dimensions: | 5.50(w) x 8.50(h) x 0.31(d) |
Language: | Hindi |
From the B&N Reads Blog