Shreshth Gyarah kahaniyan: Rabindranath Taigore
साहित्य की दुनिया में प्रायः कई ऐसे नाम होते हैं, जिनकी कला उन्हें 'चिरंजीव' करती हैं। उनकी कला एवं विद्वता हमारे समक्ष एक अलग छवि का निर्माण करती है। रवीन्द्रनाथ ठाकुर भी एक ऐसे ही साहित्यकार थे, जिनके ज्ञान-विज्ञान का साबका उनके द्वारा लिखित साहित्य से हो जाता है। रवीन्द्रनाथ ठाकुर, जिन्हें बाद में 'टैगोर' की उपाधि मिली। भारत के सुप्रसिद्ध साहित्यकारों में से एक रहें। वे ऐसे भारतीय थे, जिन्होंने साहित्य में पहला 'नोबेल पुरस्कार' जीता। रवीन्द्रनाथ टैगोर की कहानियों में प्रकृति का सौन्दर्य चित्रण, स्वतंत्रता आंदोलन का समय, संघर्ष और समाज की झलक स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। उनकी बहुत-सी कहानियाँ सामाजिक समस्याओं पर आधारित हैं। साथ ही, उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम सद्भाव पर अत्यधिक जोर दिया है और धर्म को उन्होंने मानव धर्म के रूप में अधिक प्रतिष्ठित किया है।
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Shreshth Gyarah kahaniyan: Rabindranath Taigore
साहित्य की दुनिया में प्रायः कई ऐसे नाम होते हैं, जिनकी कला उन्हें 'चिरंजीव' करती हैं। उनकी कला एवं विद्वता हमारे समक्ष एक अलग छवि का निर्माण करती है। रवीन्द्रनाथ ठाकुर भी एक ऐसे ही साहित्यकार थे, जिनके ज्ञान-विज्ञान का साबका उनके द्वारा लिखित साहित्य से हो जाता है। रवीन्द्रनाथ ठाकुर, जिन्हें बाद में 'टैगोर' की उपाधि मिली। भारत के सुप्रसिद्ध साहित्यकारों में से एक रहें। वे ऐसे भारतीय थे, जिन्होंने साहित्य में पहला 'नोबेल पुरस्कार' जीता। रवीन्द्रनाथ टैगोर की कहानियों में प्रकृति का सौन्दर्य चित्रण, स्वतंत्रता आंदोलन का समय, संघर्ष और समाज की झलक स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। उनकी बहुत-सी कहानियाँ सामाजिक समस्याओं पर आधारित हैं। साथ ही, उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम सद्भाव पर अत्यधिक जोर दिया है और धर्म को उन्होंने मानव धर्म के रूप में अधिक प्रतिष्ठित किया है।
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Shreshth Gyarah kahaniyan: Rabindranath Taigore
106
Shreshth Gyarah kahaniyan: Rabindranath Taigore
106Hardcover
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Product Details
ISBN-13: | 9789356829152 |
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Publisher: | Prabhakar Prakashan Private Limited |
Publication date: | 02/25/2025 |
Pages: | 106 |
Product dimensions: | 5.50(w) x 8.50(h) x 0.38(d) |
Language: | Hindi |
From the B&N Reads Blog