Shudron Ka Itihas
शूद्र आर्य हैं या भारत की मूल जातियाँ हैं, या दूसरी जातियों का मिश्रण हैं यह प्रश्न आजकल खास व्यावहारिक नहीं है। प्राचीन काल में उनका खुद वर्ग था और समाज में उनका चौथा दर्जा या और उन्हें अंतिम श्रेणी में रखा गया था, फिर भी वे तीन श्रेष्ठ जातियों से काफी दूर थे। यदि यह मान भी लिया जाए कि आरंभ में वे आर्य नहीं थे तो भी तीन आर्य जातियों के साथ व्यापक स्तर पर अंतर्जातीय विवाहों के चलते थे आर्य समुदाय में घुल मिल गए थे। कुछ मामलों में जैसा कि ऊपर वर्णित है उन्हें हानि के बजाए लाभ अधिक हुआ और अब शूद्र कही जाने वाली बहुत-सी जन जातियाँ वास्तव में और कुछ न होकर ब्राह्मण और क्षत्रियों के अधिक निकट हैं। संक्षेप में वे अन्य प्रजातियों में काफी घुल मिल गई जैसे कि इंग्लैंड के कैल्टिक कबीले आंग्ल सेक्शन जाति में विलीन हो गए और उनकी जो भी अलग पहचान थी उसका पूरी तरह अस्तित्व मिट गया।
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Shudron Ka Itihas
शूद्र आर्य हैं या भारत की मूल जातियाँ हैं, या दूसरी जातियों का मिश्रण हैं यह प्रश्न आजकल खास व्यावहारिक नहीं है। प्राचीन काल में उनका खुद वर्ग था और समाज में उनका चौथा दर्जा या और उन्हें अंतिम श्रेणी में रखा गया था, फिर भी वे तीन श्रेष्ठ जातियों से काफी दूर थे। यदि यह मान भी लिया जाए कि आरंभ में वे आर्य नहीं थे तो भी तीन आर्य जातियों के साथ व्यापक स्तर पर अंतर्जातीय विवाहों के चलते थे आर्य समुदाय में घुल मिल गए थे। कुछ मामलों में जैसा कि ऊपर वर्णित है उन्हें हानि के बजाए लाभ अधिक हुआ और अब शूद्र कही जाने वाली बहुत-सी जन जातियाँ वास्तव में और कुछ न होकर ब्राह्मण और क्षत्रियों के अधिक निकट हैं। संक्षेप में वे अन्य प्रजातियों में काफी घुल मिल गई जैसे कि इंग्लैंड के कैल्टिक कबीले आंग्ल सेक्शन जाति में विलीन हो गए और उनकी जो भी अलग पहचान थी उसका पूरी तरह अस्तित्व मिट गया।
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162
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Product Details
ISBN-13: | 9789367938775 |
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Publisher: | Prabhakar Prakashan Private Limited |
Publication date: | 02/25/2025 |
Pages: | 162 |
Product dimensions: | 5.50(w) x 8.50(h) x 0.50(d) |
Language: | Hindi |
From the B&N Reads Blog