Sona aur Khoon (Bhaag -4)
जानवरों और दमियों का खून तो निर्वय जन करते ती रहते हैं, फान्तु एक नक का खून भयानक घटना है। अंग्रेजी फौज ने बार में पुसते ही फल और लूटमार शुদ্ধ জন ती। जो कोई सामने अाबिक उसे गोली मार दी गई में आग लगा की गई। दिल्ली के अधिकांश निवासी जो भाग सकते में भाग गए। शहर सानी हो गया बहुत-से शाहजादे और शकली खानदान को लोग सेना को साथ भाग रहे थे। पर जो विश् के बास-पास मिले ने चुभ-पुनकर गार वाले गए। कुनै लंगड़े, बीमार सभी फॉमी पर लटकाए जा रहे थे। अगर के जानवार राजा नरसिंह पारुनगर के अहम अतीर को विभिन्न तिथियों में चांसी पर लटका विधा समा। जिस दिन दून रईसों को भी उस दिन हर के राथ परवाने बन्द कर दिए जाते थे। सेना की एक कम्पनी हुई कोतवाली के सामने फौती यो पाल आमर सही हो जाती थी। इसके बाद अभागे दो को अपनानपूर्वक जाला भा और फाँसी पर लटका दिया जाता था।
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Sona aur Khoon (Bhaag -4)
जानवरों और दमियों का खून तो निर्वय जन करते ती रहते हैं, फान्तु एक नक का खून भयानक घटना है। अंग्रेजी फौज ने बार में पुसते ही फल और लूटमार शुদ্ধ জন ती। जो कोई सामने अाबिक उसे गोली मार दी गई में आग लगा की गई। दिल्ली के अधिकांश निवासी जो भाग सकते में भाग गए। शहर सानी हो गया बहुत-से शाहजादे और शकली खानदान को लोग सेना को साथ भाग रहे थे। पर जो विश् के बास-पास मिले ने चुभ-पुनकर गार वाले गए। कुनै लंगड़े, बीमार सभी फॉमी पर लटकाए जा रहे थे। अगर के जानवार राजा नरसिंह पारुनगर के अहम अतीर को विभिन्न तिथियों में चांसी पर लटका विधा समा। जिस दिन दून रईसों को भी उस दिन हर के राथ परवाने बन्द कर दिए जाते थे। सेना की एक कम्पनी हुई कोतवाली के सामने फौती यो पाल आमर सही हो जाती थी। इसके बाद अभागे दो को अपनानपूर्वक जाला भा और फाँसी पर लटका दिया जाता था।
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Sona aur Khoon (Bhaag -4)
350
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Product Details
ISBN-13: | 9789356825178 |
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Publisher: | Prabhakar Prakashan Private Limited |
Publication date: | 02/25/2025 |
Pages: | 350 |
Product dimensions: | 5.50(w) x 8.50(h) x 0.94(d) |
Language: | Hindi |
From the B&N Reads Blog