Beintehaa Pyar
प्यार क्या है? मैंने काफी गुढ़ता के साथ विचार किया और काफी मनन करने के बाद मुझे एक एहसास हुआ यह एहसास था समर्पण का, त्याग का और एक अपनेपन का। मैं निश्चित रूप से बोलना चाहूंगा कि प्यार एक एहसास है अपनेपन का जिसमें एक प्रेमी अपने को समर्पित कर देता है अपना सब कुछ त्याग कर सकता है बस अपनी उस प्रेमी या प्रेमिका के लिए जिसे वह अपना मानता है और जिसके लिए वह अपनत्व की भावना रखता है। यहां पर मैं सुमिरन करना चाहूंगा उस वक्तव्य का जो आज भी इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में है फिर चाहे वह भगवान श्री कृष्ण का अथाह प्रेम हो जो सुदामा के तीन मुट्ठी चावल के लिए तीनों लोकों की अपार संपदा को मित्र के चरणों में निछावर कर देते हैं, अपना बैकुंठ तक को उन्हें देने को समर्पित हो जाते हैं या महान संत मीराबाई जी का हो जो सशरीर अपने माधव में सुमेलित हो जाती हैं, यह ही प्रेम है, प्यार है जो असीम विरह की वेदना को सहते हुए उसकी पीड़ा का आनंद लेता हैं, उसकी पीड़ा को जीता हो, बहते अश्कों की धारा को निरंतर सहता हो और फिर भी अपने की जो भावना है उसको ना मिटाया जाए, उसको मिटने ना दिया जाता हो। ऐसे असीम प्रेम को जिसमें मिलन की चाह है लेकिन वह मिलन की चाह एक माध्यम है एक विराह को जीने का और वह माध्यम प्रेम है सच पूछा जाए तो सबसे बड़ा धर्म है और धर्म से बडा कर्म जिनकी जननी एक प्यार ही तो है। यह काव्य जो प्रेम का सृजन रूप है जिसमें मिलन, पीड़ा और विरह को बखूबी से दर्शाने का प्रयास किया गया है या एक प्रेमी को परिभाषित करने की कल्पना की गई है.....।
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Beintehaa Pyar
प्यार क्या है? मैंने काफी गुढ़ता के साथ विचार किया और काफी मनन करने के बाद मुझे एक एहसास हुआ यह एहसास था समर्पण का, त्याग का और एक अपनेपन का। मैं निश्चित रूप से बोलना चाहूंगा कि प्यार एक एहसास है अपनेपन का जिसमें एक प्रेमी अपने को समर्पित कर देता है अपना सब कुछ त्याग कर सकता है बस अपनी उस प्रेमी या प्रेमिका के लिए जिसे वह अपना मानता है और जिसके लिए वह अपनत्व की भावना रखता है। यहां पर मैं सुमिरन करना चाहूंगा उस वक्तव्य का जो आज भी इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में है फिर चाहे वह भगवान श्री कृष्ण का अथाह प्रेम हो जो सुदामा के तीन मुट्ठी चावल के लिए तीनों लोकों की अपार संपदा को मित्र के चरणों में निछावर कर देते हैं, अपना बैकुंठ तक को उन्हें देने को समर्पित हो जाते हैं या महान संत मीराबाई जी का हो जो सशरीर अपने माधव में सुमेलित हो जाती हैं, यह ही प्रेम है, प्यार है जो असीम विरह की वेदना को सहते हुए उसकी पीड़ा का आनंद लेता हैं, उसकी पीड़ा को जीता हो, बहते अश्कों की धारा को निरंतर सहता हो और फिर भी अपने की जो भावना है उसको ना मिटाया जाए, उसको मिटने ना दिया जाता हो। ऐसे असीम प्रेम को जिसमें मिलन की चाह है लेकिन वह मिलन की चाह एक माध्यम है एक विराह को जीने का और वह माध्यम प्रेम है सच पूछा जाए तो सबसे बड़ा धर्म है और धर्म से बडा कर्म जिनकी जननी एक प्यार ही तो है। यह काव्य जो प्रेम का सृजन रूप है जिसमें मिलन, पीड़ा और विरह को बखूबी से दर्शाने का प्रयास किया गया है या एक प्रेमी को परिभाषित करने की कल्पना की गई है.....।
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by Atul Singh
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प्यार क्या है? मैंने काफी गुढ़ता के साथ विचार किया और काफी मनन करने के बाद मुझे एक एहसास हुआ यह एहसास था समर्पण का, त्याग का और एक अपनेपन का। मैं निश्चित रूप से बोलना चाहूंगा कि प्यार एक एहसास है अपनेपन का जिसमें एक प्रेमी अपने को समर्पित कर देता है अपना सब कुछ त्याग कर सकता है बस अपनी उस प्रेमी या प्रेमिका के लिए जिसे वह अपना मानता है और जिसके लिए वह अपनत्व की भावना रखता है। यहां पर मैं सुमिरन करना चाहूंगा उस वक्तव्य का जो आज भी इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में है फिर चाहे वह भगवान श्री कृष्ण का अथाह प्रेम हो जो सुदामा के तीन मुट्ठी चावल के लिए तीनों लोकों की अपार संपदा को मित्र के चरणों में निछावर कर देते हैं, अपना बैकुंठ तक को उन्हें देने को समर्पित हो जाते हैं या महान संत मीराबाई जी का हो जो सशरीर अपने माधव में सुमेलित हो जाती हैं, यह ही प्रेम है, प्यार है जो असीम विरह की वेदना को सहते हुए उसकी पीड़ा का आनंद लेता हैं, उसकी पीड़ा को जीता हो, बहते अश्कों की धारा को निरंतर सहता हो और फिर भी अपने की जो भावना है उसको ना मिटाया जाए, उसको मिटने ना दिया जाता हो। ऐसे असीम प्रेम को जिसमें मिलन की चाह है लेकिन वह मिलन की चाह एक माध्यम है एक विराह को जीने का और वह माध्यम प्रेम है सच पूछा जाए तो सबसे बड़ा धर्म है और धर्म से बडा कर्म जिनकी जननी एक प्यार ही तो है। यह काव्य जो प्रेम का सृजन रूप है जिसमें मिलन, पीड़ा और विरह को बखूबी से दर्शाने का प्रयास किया गया है या एक प्रेमी को परिभाषित करने की कल्पना की गई है.....।

Product Details

ISBN-13: 9789355849557
Publisher: True Sign Publishing House
Publication date: 04/20/2023
Sold by: Barnes & Noble
Format: eBook
File size: 189 KB
Language: Hindi
From the B&N Reads Blog

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