ज्ञान की आवाज़ कई युगों से, कई भाषाओं में बोलती हुई प्रतीत होती है - लाओत्से की चीनी से लेकर शेक्सपियर की अंग्रेजी तक, मुहम्मद की अरबी से लेकर हेगेल की जर्मन तक। आप जो कुछ भी पढ़ने लायक है उसे पढ़कर परम सत्य को खोजने की कोशिश में काफी हतोत्साहित हो सकते हैं।
लेकिन क्या होगा अगर एक किताब सबकुछ कह दे - वह सब कुछ जो आप ब्रह्मांड की उत्पत्ति, समय के रहस्य, कर्म की कार्यप्रणाली, प्रकृति के नियम, आतंरिक आत्मा और सर्वोच्च अस्तित्व, ईश्वर के बारे में जानना चाहेंगे...
और क्या होगा यदि वह पुस्तक आध्यात्मिकता पर दुनिया की सबसे प्रसिद्ध मार्गदर्शिका - भगवद् गीता का आसानी से पढ़ने योग्य, सरल अनुवाद होती? क्या इसे अपने बुकशेल्फ़ पर रखना उचित नहीं होगा?
ज्ञान की आवाज़ कई युगों से, कई भाषाओं में बोलती हुई प्रतीत होती है - लाओत्से की चीनी से लेकर शेक्सपियर की अंग्रेजी तक, मुहम्मद की अरबी से लेकर हेगेल की जर्मन तक। आप जो कुछ भी पढ़ने लायक है उसे पढ़कर परम सत्य को खोजने की कोशिश में काफी हतोत्साहित हो सकते हैं।
लेकिन क्या होगा अगर एक किताब सबकुछ कह दे - वह सब कुछ जो आप ब्रह्मांड की उत्पत्ति, समय के रहस्य, कर्म की कार्यप्रणाली, प्रकृति के नियम, आतंरिक आत्मा और सर्वोच्च अस्तित्व, ईश्वर के बारे में जानना चाहेंगे...
और क्या होगा यदि वह पुस्तक आध्यात्मिकता पर दुनिया की सबसे प्रसिद्ध मार्गदर्शिका - भगवद् गीता का आसानी से पढ़ने योग्य, सरल अनुवाद होती? क्या इसे अपने बुकशेल्फ़ पर रखना उचित नहीं होगा?

Bhagavad-Gita
1270
Bhagavad-Gita
1270Product Details
ISBN-13: | 9788196536572 |
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Publisher: | BBT Publishing |
Publication date: | 08/26/2023 |
Sold by: | Barnes & Noble |
Format: | eBook |
Pages: | 1270 |
File size: | 2 MB |
Language: | Hindi |