"भकोल" की पत्नी "सौम्या" को नेताइन बनने का शौक चर्राया था। जो नेपाल से सटे नवका गांव की रहने वाली है । समाजिक रूप से पिछड़ी जाति " रेड़ा " की बेटी सौम्या की शादी एक दूसरे समाजिक रूप से पिछड़ी जाति " बहेड़ा " के युवा भकोल से, हो तो गई थी, लेकिन दोनों में कोई जोड़ नही था।
"सौम्या" गोरी, पतली, लंबी और मैट्रिक पास जबकि "भकोल" काला, मोटा, नाटा और अंगूठा छाप। क़िस्मत की मारी सौम्या बेचारी के सपने सारे अधूरे रह गए थे। मैट्रिक की परीक्षा देते समय उसने और आगे पढ़ने के सपने भी देखे थे और पढ़ लिखकर किसी सरकारी बाबू के साथ, सात फेरे लेने के ख्वाब भी संजोए थे। लेकिन क़िस्मत में लिखा था " भकोल " तो सपने तो बिखरने ही थे। उसपर से भकोल बेचारा मंद बुद्धि भी निकला।
"भकोल" की पत्नी "सौम्या" को नेताइन बनने का शौक चर्राया था। जो नेपाल से सटे नवका गांव की रहने वाली है । समाजिक रूप से पिछड़ी जाति " रेड़ा " की बेटी सौम्या की शादी एक दूसरे समाजिक रूप से पिछड़ी जाति " बहेड़ा " के युवा भकोल से, हो तो गई थी, लेकिन दोनों में कोई जोड़ नही था।
"सौम्या" गोरी, पतली, लंबी और मैट्रिक पास जबकि "भकोल" काला, मोटा, नाटा और अंगूठा छाप। क़िस्मत की मारी सौम्या बेचारी के सपने सारे अधूरे रह गए थे। मैट्रिक की परीक्षा देते समय उसने और आगे पढ़ने के सपने भी देखे थे और पढ़ लिखकर किसी सरकारी बाबू के साथ, सात फेरे लेने के ख्वाब भी संजोए थे। लेकिन क़िस्मत में लिखा था " भकोल " तो सपने तो बिखरने ही थे। उसपर से भकोल बेचारा मंद बुद्धि भी
"भकोल" की पत्नी "सौम्या" को नेताइन बनने का शौक चर्राया था। जो नेपाल से सटे नवका गांव की रहने वाली है । समाजिक रूप से पिछड़ी जाति " रेड़ा " की बेटी सौम्या की शादी एक दूसरे समाजिक रूप से पिछड़ी जाति " बहेड़ा " के युवा भकोल से, हो तो गई थी, लेकिन दोनों में कोई जोड़ नही था।
"सौम्या" गोरी, पतली, लंबी और मैट्रिक पास जबकि "भकोल" काला, मोटा, नाटा और अंगूठा छाप। क़िस्मत की मारी सौम्या बेचारी के सपने सारे अधूरे रह गए थे। मैट्रिक की परीक्षा देते समय उसने और आगे पढ़ने के सपने भी देखे थे और पढ़ लिखकर किसी सरकारी बाबू के साथ, सात फेरे लेने के ख्वाब भी संजोए थे। लेकिन क़िस्मत में लिखा था " भकोल " तो सपने तो बिखरने ही थे। उसपर से भकोल बेचारा मंद बुद्धि भी निकला।
"भकोल" की पत्नी "सौम्या" को नेताइन बनने का शौक चर्राया था। जो नेपाल से सटे नवका गांव की रहने वाली है । समाजिक रूप से पिछड़ी जाति " रेड़ा " की बेटी सौम्या की शादी एक दूसरे समाजिक रूप से पिछड़ी जाति " बहेड़ा " के युवा भकोल से, हो तो गई थी, लेकिन दोनों में कोई जोड़ नही था।
"सौम्या" गोरी, पतली, लंबी और मैट्रिक पास जबकि "भकोल" काला, मोटा, नाटा और अंगूठा छाप। क़िस्मत की मारी सौम्या बेचारी के सपने सारे अधूरे रह गए थे। मैट्रिक की परीक्षा देते समय उसने और आगे पढ़ने के सपने भी देखे थे और पढ़ लिखकर किसी सरकारी बाबू के साथ, सात फेरे लेने के ख्वाब भी संजोए थे। लेकिन क़िस्मत में लिखा था " भकोल " तो सपने तो बिखरने ही थे। उसपर से भकोल बेचारा मंद बुद्धि भी

bhakola (kahani)

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Product Details
BN ID: | 2940155250630 |
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Publisher: | ?????? ?????????? |
Publication date: | 05/09/2018 |
Sold by: | Smashwords |
Format: | eBook |
File size: | 199 KB |
Language: | Hindi |