Bharat ka Swarnim Itihas
ऐतिहासिक तथ्यों को अगर खोला जाए तो रक्त ही रक्त नजर आएगा चारों ओर हमारे देश के योद्धाओं ने अपनी जिंदा जवानी जला डाली और वह पागल नहीं थे जिन्होंने मौत से फेरे लिए अगर वह चाहते तो सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते थे आराम से राजाओं महाराजाओं की भांति मौज करते और शाम को मदिरा का सेवन कर वैश्यालयों मे बैठे होते परंतु ऐसा नहीं किए और वह लड़ते रहे, आपके मेरे लिए तब जाकर हमें छुटकारा मिला इस देश की महारानी मेरी झांसी वाली रानी जो बच्चा लेकर अंग्रेजों से लड़ गई उस मर्दानी स्वाभिमानी बलिदान को ऐसे ही भूल जाने दूं बात भले ही सदियों पुरानी है परंतु जब-जब इन योद्धा और योद्धानियों का जिक्र होता है तब- तब आंखों के आगे वह सारे दृश्य नृत्य करते हुए दिखाई पड़ते हैं। मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारी यह जो पीढ़ियां हैं, उनको यह तक नहीं पता कि छत्रसाल कौन थे। तानाजी शाह कौन थे। महाराणा प्रताप कौन थे। रानी बघेली कौन थी। रानी लक्ष्मी बाई कौन थी। बहुत दुख की बात है कितनी दुखद घटना है, यह हमारे जीवन की सबसे बड़ी हार है कि हम अपने बच्चों को हमारे वीर योद्धा और योद्धानियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं जबकि उनको यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनके पूर्वज कैसे थे कितनी कितनी लड़ाईयां लड़ी तब जाकर हमें शत्रुओं से छुटकारा मिला तब जाकर हम अमन और शांति के साथ जीवन व्यतीत कर पा रहे हैं।
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Bharat ka Swarnim Itihas
ऐतिहासिक तथ्यों को अगर खोला जाए तो रक्त ही रक्त नजर आएगा चारों ओर हमारे देश के योद्धाओं ने अपनी जिंदा जवानी जला डाली और वह पागल नहीं थे जिन्होंने मौत से फेरे लिए अगर वह चाहते तो सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते थे आराम से राजाओं महाराजाओं की भांति मौज करते और शाम को मदिरा का सेवन कर वैश्यालयों मे बैठे होते परंतु ऐसा नहीं किए और वह लड़ते रहे, आपके मेरे लिए तब जाकर हमें छुटकारा मिला इस देश की महारानी मेरी झांसी वाली रानी जो बच्चा लेकर अंग्रेजों से लड़ गई उस मर्दानी स्वाभिमानी बलिदान को ऐसे ही भूल जाने दूं बात भले ही सदियों पुरानी है परंतु जब-जब इन योद्धा और योद्धानियों का जिक्र होता है तब- तब आंखों के आगे वह सारे दृश्य नृत्य करते हुए दिखाई पड़ते हैं। मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारी यह जो पीढ़ियां हैं, उनको यह तक नहीं पता कि छत्रसाल कौन थे। तानाजी शाह कौन थे। महाराणा प्रताप कौन थे। रानी बघेली कौन थी। रानी लक्ष्मी बाई कौन थी। बहुत दुख की बात है कितनी दुखद घटना है, यह हमारे जीवन की सबसे बड़ी हार है कि हम अपने बच्चों को हमारे वीर योद्धा और योद्धानियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं जबकि उनको यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनके पूर्वज कैसे थे कितनी कितनी लड़ाईयां लड़ी तब जाकर हमें शत्रुओं से छुटकारा मिला तब जाकर हम अमन और शांति के साथ जीवन व्यतीत कर पा रहे हैं।
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Bharat ka Swarnim Itihas

by Laxmi Singh
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ऐतिहासिक तथ्यों को अगर खोला जाए तो रक्त ही रक्त नजर आएगा चारों ओर हमारे देश के योद्धाओं ने अपनी जिंदा जवानी जला डाली और वह पागल नहीं थे जिन्होंने मौत से फेरे लिए अगर वह चाहते तो सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते थे आराम से राजाओं महाराजाओं की भांति मौज करते और शाम को मदिरा का सेवन कर वैश्यालयों मे बैठे होते परंतु ऐसा नहीं किए और वह लड़ते रहे, आपके मेरे लिए तब जाकर हमें छुटकारा मिला इस देश की महारानी मेरी झांसी वाली रानी जो बच्चा लेकर अंग्रेजों से लड़ गई उस मर्दानी स्वाभिमानी बलिदान को ऐसे ही भूल जाने दूं बात भले ही सदियों पुरानी है परंतु जब-जब इन योद्धा और योद्धानियों का जिक्र होता है तब- तब आंखों के आगे वह सारे दृश्य नृत्य करते हुए दिखाई पड़ते हैं। मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारी यह जो पीढ़ियां हैं, उनको यह तक नहीं पता कि छत्रसाल कौन थे। तानाजी शाह कौन थे। महाराणा प्रताप कौन थे। रानी बघेली कौन थी। रानी लक्ष्मी बाई कौन थी। बहुत दुख की बात है कितनी दुखद घटना है, यह हमारे जीवन की सबसे बड़ी हार है कि हम अपने बच्चों को हमारे वीर योद्धा और योद्धानियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं जबकि उनको यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनके पूर्वज कैसे थे कितनी कितनी लड़ाईयां लड़ी तब जाकर हमें शत्रुओं से छुटकारा मिला तब जाकर हम अमन और शांति के साथ जीवन व्यतीत कर पा रहे हैं।

Product Details

ISBN-13: 9789355847522
Publisher: True Sign Publishing House
Publication date: 04/20/2023
Sold by: Barnes & Noble
Format: eBook
File size: 756 KB
Language: Hindi
From the B&N Reads Blog

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