chera do tara (kavya sangraha)

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

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chera do tara (kavya sangraha)

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

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छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब


Product Details

BN ID: 2940155267287
Publisher: ?????? ??????????
Publication date: 05/23/2018
Sold by: Smashwords
Format: eBook
File size: 244 KB
Language: Hindi

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सम्पादक के पद पर कार्यरत

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