lokatantra aura relagari

कविता लिखना मेरा शौक नहीं है, देश- दुनियाँ व समाज की विडम्बनायें देखकर मन प्रतिक्रियात्मक हो जाता है, जिसे तत्क्षण अभिव्यक्त करने मे कवितायें बन जाती है। इसीलिए मैं कविताओं को अभिव्यक्ति की नैनो तकनीक मानता हूँ।

इसके पूर्व मेरा काव्य संग्रह “लोकतंत्र और नदी ” इसी वर्ष (2018) प्रकाशित हुआ है, इसी क्रम में दूसरा काव्यसंग्रह “लोकतंत्र और रेलगाड़ी” प्रस्तुत है। जिसमें देश, दुनियाँ, समाज की विद्रूपताओं को प्रतिबिम्बित करने की कोशिश है, जैसे रेलगाड़ी हमारे देश के लोकतंत्र की प्रतिबिम्बित करती है।

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कविता लिखना मेरा शौक नहीं है, देश- दुनियाँ व समाज की विडम्बनायें देखकर मन प्रतिक्रियात्मक हो जाता है, जिसे तत्क्षण अभिव्यक्त करने मे कवितायें बन जाती है। इसीलिए मैं कविताओं को अभिव्यक्ति की नैनो तकनीक मानता हूँ।

इसके पूर्व मेरा काव्य संग्रह “लोकतंत्र और नदी ” इसी वर्ष (2018) प्रकाशित हुआ है, इसी क्रम में दूसरा काव्यसंग्रह “लोकतंत्र और रेलगाड़ी” प्रस्तुत है। जिसमें देश, दुनियाँ, समाज की विद्रूपताओं को प्रतिबिम्बित करने की कोशिश है, जैसे रेलगाड़ी हमारे देश के लोकतंत्र की प्रतिबिम्बित करती है।

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कविता लिखना मेरा शौक नहीं है, देश- दुनियाँ व समाज की विडम्बनायें देखकर मन प्रतिक्रियात्मक हो जाता है, जिसे तत्क्षण अभिव्यक्त करने मे कवितायें बन जाती है। इसीलिए मैं कविताओं को अभिव्यक्ति की नैनो तकनीक मानता हूँ।

इसके पूर्व मेरा काव्य संग्रह “लोकतंत्र और नदी ” इसी वर्ष (2018) प्रकाशित हुआ है, इसी क्रम में दूसरा काव्यसंग्रह “लोकतंत्र और रेलगाड़ी” प्रस्तुत है। जिसमें देश, दुनियाँ, समाज की विद्रूपताओं को प्रतिबिम्बित करने की कोशिश है, जैसे रेलगाड़ी हमारे देश के लोकतंत्र की प्रतिबिम्बित करती है।


Product Details

BN ID: 2940155198291
Publisher: ?????? ??????????
Publication date: 04/02/2018
Sold by: Smashwords
Format: eBook
File size: 476 KB
Language: Hindi

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सम्पादक के पद पर कार्यरत

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