’पॉलिटीशिया का ड्रैगन’ एक क्रांतिकारी एवं प्रतीकात्मक हिंदी उपन्यास है जिसमें ’पॉलिटीशिया’ नामक एक काल्पनिक देश के माध्यम से उन सभी देशों की कहानी कही गई है जहां की राजनैतिक और सामाजिक व्यवस्था सड़ चुकी है और एक भीषण परिवर्तन की जरूरत है। यह पूरी कहानी पॉलिटीशिया नामक काल्पनिक द्वीप पर घटित होती है जो एक समुद्र के पास स्थित एक बहुत ही छोटा और स्वतंत्र देश है और जिसकी दूसरी ओर डौंडाला नामक एक पर्वत है। इस द्वीप के अधिकांश लोग नैतिक अध:पतन के जीते-जागते प्रमाण हैं जिनका समय फालतू की गप्पबाजी, अपराध, पाखंड, अव्यवस्था और महिलाओं के प्रति लम्पटपना दर्शाने में ही बीतता है। एक समय था जब बड़ा भव्य था यह द्वीप, मगर वर्तमान परिदृश्य तो बिल्कुल विपरीत है। रोज के निकम्मेपन में डूबे, तम्बाकू, अफीम, ड्रग और नशे की दुनिया में निमग्न इन लोगों के लिए औरत सिर्फ सेक्स की वस्तु है। यहां की पुलिस, यहां के राजनेता, धर्मगुरु व अधिकारी लोग, और यहां तक कि स्वयं पर ’बुद्धिजीवी’ का ठप्पा लगाने वाले लोग भी अपने-अपने ’परिष्कृत’ तरीके से इसी नैतिक अवमूल्यन और सेक्स की अतृप्त भूख की गर्त में गिरे हुए हैं। फिर भी, तुर्रा यह कि अपने देश और इसकी तथाकथित ’अतीत-गरिमा’ पर बड़ा फख्र है उन्हें। ऐसे नैतिक पतन वाले देश में एक युवक रहता है—क्रूसेडो—जो बचपन में अनाथ हो गया था, जो इस छोट-से द्वीप की दुर्दशा से खिन्न है लेकिन जिसके पास इस कुव्यवस्था से लड़ने का कोई औजार नहीं है।
एक रात जब यह सारा द्वीप गहरी नींद में सो रहा था, किसी अज्ञात देश से एक विमान माउंट डौंडाला पर आकर उतरता है और क्रोध का देवता—रैडो—उस विमान में एक ड्रैगन को लेकर आता है और उसे अपना मिशन पूरा करने के लिए डौंडाला पर्वत पर छोड़कर वापस चला जाता है। कहानी के मुख्य पात्र क्रूसेडो और अदृश्य लोक से आए ड्रैगन के माध्यम से पॉलिटीशिया की किस्मत एकदिन बदलती है, लेकिन अनेक नाटकीय घटनाक्रमों के बाद...
’पॉलिटीशिया का ड्रैगन’ एक क्रांतिकारी एवं प्रतीकात्मक हिंदी उपन्यास है जिसमें ’पॉलिटीशिया’ नामक एक काल्पनिक देश के माध्यम से उन सभी देशों की कहानी कही गई है जहां की राजनैतिक और सामाजिक व्यवस्था सड़ चुकी है और एक भीषण परिवर्तन की जरूरत है। यह पूरी कहानी पॉलिटीशिया नामक काल्पनिक द्वीप पर घटित होती है जो एक समुद्र के पास स्थित एक बहुत ही छोटा और स्वतंत्र देश है और जिसकी दूसरी ओर डौंडाला नामक एक पर्वत है। इस द्वीप के अधिकांश लोग नैतिक अध:पतन के जीते-जागते प्रमाण हैं जिनका समय फालतू की गप्पबाजी, अपराध, पाखंड, अव्यवस्था और महिलाओं के प्रति लम्पटपना दर्शाने में ही बीतता है। एक समय था जब बड़ा भव्य था यह द्वीप, मगर वर्तमान परिदृश्य तो बिल्कुल विपरीत है। रोज के निकम्मेपन में डूबे, तम्बाकू, अफीम, ड्रग और नशे की दुनिया में निमग्न इन लोगों के लिए औरत सिर्फ सेक्स की वस्तु है। यहां की पुलिस, यहां के राजनेता, धर्मगुरु व अधिकारी लोग, और यहां तक कि स्वयं पर ’बुद्धिजीवी’ का ठप्पा लगाने वाले लोग भी अपने-अपने ’परिष्कृत’ तरीके से इसी नैतिक अवमूल्यन और सेक्स की अतृप्त भूख की गर्त में गिरे हुए हैं। फिर भी, तुर्रा यह कि अपने देश और इसकी तथाकथित ’अतीत-गरिमा’ पर बड़ा फख्र है उन्हें। ऐसे नैतिक पतन वाले देश में एक युवक रहता है—क्रूसेडो—जो बचपन में अनाथ हो गया था, जो इस छोट-से द्वीप की दुर्दशा से खिन्न है लेकिन जिसके पास इस कुव्यवस्था से लड़ने का कोई औजार नहीं है।
एक रात जब यह सारा द्वीप गहरी नींद में सो रहा था, किसी अज्ञात देश से एक विमान माउंट डौंडाला पर आकर उतरता है और क्रोध का देवता—रैडो—उस विमान में एक ड्रैगन को लेकर आता है और उसे अपना मिशन पूरा करने के लिए डौंडाला पर्वत पर छोड़कर वापस चला जाता है। कहानी के मुख्य पात्र क्रूसेडो और अदृश्य लोक से आए ड्रैगन के माध्यम से पॉलिटीशिया की किस्मत एकदिन बदलती है, लेकिन अनेक नाटकीय घटनाक्रमों के बाद...

politisiya ka draigana

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Product Details
BN ID: | 2940045033862 |
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Publisher: | Suniti Chandra Mishra |
Publication date: | 09/05/2012 |
Series: | Hindi Poetry and Fiction , #2 |
Sold by: | Smashwords |
Format: | eBook |
File size: | 458 KB |
Language: | Hindi |