Swadheenta Andolan Aur Hindi Kavita

हिन्दी साहित्य में मैथिली शरण गुप्त, दिनकर, माखनलाल चतुर्वेदी, बालकृष्‍ण शर्मा 'नवीन', सोहनलाल द्विवेदी आदि ऐसे कई कवि हुए हैं जिन्होंने स्वाधीनता आन्दोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और जब देश स्वतंत्र हुआ, तो उसके बाद भी राष्ट्र-निर्माण एवं राष्ट्रीय-चेतना की कविताएँ लिखते रहे । अस्तु, इस पुस्तक में स्वाधीनता आंदोलन के दौरान हिन्दी के कवियों द्वारा अपनी कविताओं में चित्रित किए गए देश की जनता के सपनों और संघर्षों पर केन्द्रित आलेखों के साथ-साथ, उन आलेखों को भी शामिल किया गया है जिसमें स्वाधीनता प्राप्ति के बाद की परिस्थितियों पर राष्ट्रीय-चिंता की कविताएँ लिखी गई हैं । हिन्दी विभाग की संस्थापक सदस्या प्रोफेसर शशि मुदीराज जी, जिन्होंने संगोष्ठी में बीज व्याख्यान दिया था, द्वारा प्राप्त आलेख को हमने आशीर्वाद स्वरूप स्वीकार किया है । शेष आलेखों के लेखक इस विभाग के पूर्व-विद्यार्थी हैं जो वर्तमान में देश के अलग-अलग प्रान्तों में स्थित बड़े एवं प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में अध्यापन कर रहे हैं ।  आदरणीय प्रो. कृष्णकुमार सिंह जी,  प्रो. एम. श्याम राव जी, डॉ. कामेश्वरी जी, प्रो. पद्मप्रिया जी, प्रो. एम. आंजनेयुलु जी, प्रो. करन सिंह ऊटवाल जी और डॉ. अनंतलक्ष्मी जी ने समय पर अपने आलेख प्रदान कर इस योजना का बीजवपन किया, अस्तु, हृदय से उनका आभार ।  युवा आलोचक डॉ. जनार्दन, डॉ. अनुज, एवं डॉ. मनोजकुमार 'मौर्य', डॉ. प्रफुल्ल कुमार और डॉ. अनिक कुमार के शोधपूर्ण आलेखों के लिए बहुत-बहुत आभार । शोध छात्र संजीव कुमार, रजनीश ने भी आलेख दिए, उनके प्रति साधुवाद ।


1143716975
Swadheenta Andolan Aur Hindi Kavita

हिन्दी साहित्य में मैथिली शरण गुप्त, दिनकर, माखनलाल चतुर्वेदी, बालकृष्‍ण शर्मा 'नवीन', सोहनलाल द्विवेदी आदि ऐसे कई कवि हुए हैं जिन्होंने स्वाधीनता आन्दोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और जब देश स्वतंत्र हुआ, तो उसके बाद भी राष्ट्र-निर्माण एवं राष्ट्रीय-चेतना की कविताएँ लिखते रहे । अस्तु, इस पुस्तक में स्वाधीनता आंदोलन के दौरान हिन्दी के कवियों द्वारा अपनी कविताओं में चित्रित किए गए देश की जनता के सपनों और संघर्षों पर केन्द्रित आलेखों के साथ-साथ, उन आलेखों को भी शामिल किया गया है जिसमें स्वाधीनता प्राप्ति के बाद की परिस्थितियों पर राष्ट्रीय-चिंता की कविताएँ लिखी गई हैं । हिन्दी विभाग की संस्थापक सदस्या प्रोफेसर शशि मुदीराज जी, जिन्होंने संगोष्ठी में बीज व्याख्यान दिया था, द्वारा प्राप्त आलेख को हमने आशीर्वाद स्वरूप स्वीकार किया है । शेष आलेखों के लेखक इस विभाग के पूर्व-विद्यार्थी हैं जो वर्तमान में देश के अलग-अलग प्रान्तों में स्थित बड़े एवं प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में अध्यापन कर रहे हैं ।  आदरणीय प्रो. कृष्णकुमार सिंह जी,  प्रो. एम. श्याम राव जी, डॉ. कामेश्वरी जी, प्रो. पद्मप्रिया जी, प्रो. एम. आंजनेयुलु जी, प्रो. करन सिंह ऊटवाल जी और डॉ. अनंतलक्ष्मी जी ने समय पर अपने आलेख प्रदान कर इस योजना का बीजवपन किया, अस्तु, हृदय से उनका आभार ।  युवा आलोचक डॉ. जनार्दन, डॉ. अनुज, एवं डॉ. मनोजकुमार 'मौर्य', डॉ. प्रफुल्ल कुमार और डॉ. अनिक कुमार के शोधपूर्ण आलेखों के लिए बहुत-बहुत आभार । शोध छात्र संजीव कुमार, रजनीश ने भी आलेख दिए, उनके प्रति साधुवाद ।


4.99 In Stock
Swadheenta Andolan Aur Hindi Kavita

Swadheenta Andolan Aur Hindi Kavita

by Dr. J. Atmaram
Swadheenta Andolan Aur Hindi Kavita

Swadheenta Andolan Aur Hindi Kavita

by Dr. J. Atmaram

eBook

$4.99 

Available on Compatible NOOK devices, the free NOOK App and in My Digital Library.
WANT A NOOK?  Explore Now

Related collections and offers


Overview

हिन्दी साहित्य में मैथिली शरण गुप्त, दिनकर, माखनलाल चतुर्वेदी, बालकृष्‍ण शर्मा 'नवीन', सोहनलाल द्विवेदी आदि ऐसे कई कवि हुए हैं जिन्होंने स्वाधीनता आन्दोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और जब देश स्वतंत्र हुआ, तो उसके बाद भी राष्ट्र-निर्माण एवं राष्ट्रीय-चेतना की कविताएँ लिखते रहे । अस्तु, इस पुस्तक में स्वाधीनता आंदोलन के दौरान हिन्दी के कवियों द्वारा अपनी कविताओं में चित्रित किए गए देश की जनता के सपनों और संघर्षों पर केन्द्रित आलेखों के साथ-साथ, उन आलेखों को भी शामिल किया गया है जिसमें स्वाधीनता प्राप्ति के बाद की परिस्थितियों पर राष्ट्रीय-चिंता की कविताएँ लिखी गई हैं । हिन्दी विभाग की संस्थापक सदस्या प्रोफेसर शशि मुदीराज जी, जिन्होंने संगोष्ठी में बीज व्याख्यान दिया था, द्वारा प्राप्त आलेख को हमने आशीर्वाद स्वरूप स्वीकार किया है । शेष आलेखों के लेखक इस विभाग के पूर्व-विद्यार्थी हैं जो वर्तमान में देश के अलग-अलग प्रान्तों में स्थित बड़े एवं प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में अध्यापन कर रहे हैं ।  आदरणीय प्रो. कृष्णकुमार सिंह जी,  प्रो. एम. श्याम राव जी, डॉ. कामेश्वरी जी, प्रो. पद्मप्रिया जी, प्रो. एम. आंजनेयुलु जी, प्रो. करन सिंह ऊटवाल जी और डॉ. अनंतलक्ष्मी जी ने समय पर अपने आलेख प्रदान कर इस योजना का बीजवपन किया, अस्तु, हृदय से उनका आभार ।  युवा आलोचक डॉ. जनार्दन, डॉ. अनुज, एवं डॉ. मनोजकुमार 'मौर्य', डॉ. प्रफुल्ल कुमार और डॉ. अनिक कुमार के शोधपूर्ण आलेखों के लिए बहुत-बहुत आभार । शोध छात्र संजीव कुमार, रजनीश ने भी आलेख दिए, उनके प्रति साधुवाद ।



Product Details

ISBN-13: 9788196307530
Publisher: Kasturi Vijayam
Publication date: 06/27/2023
Sold by: Barnes & Noble
Format: eBook
Pages: 196
File size: 4 MB
Language: Hindi

Table of Contents

1.      स्‍वाधीनता आन्‍दोलन और हिन्‍दी कविता : साक्षी और साक्ष्‍य    1

प्रो.शशि मुदीराज

2.      स्वाधीनता आन्दोलन और भारतेन्दुयुगीन कविता   10

प्रो. कृष्ण कुमार सिंह

3.      1857 का संघर्ष और स्वाधीनता चेतना की रचनात्मक अभिव्यक्ति    18

डॉ. प्रफुल्ल कुमार

4.      स्वतंत्रता पूर्व हिन्दी कविता में राष्ट्रीय चेतना   27

डॉ. अनुज कुमार

5.      आधुनिक हिन्दी कविता में राष्ट्रीय चेतना   50

प्रो. एम. श्यामराव

6.      स्वाधीनता आंदोलन और हिन्दी कविता   75

प्रो. एम. आंजनेयुलु

7.      आधुनिक हिन्दी काव्य में स्वाधीनता आन्दोलन एवं राष्ट्रीय-साँस्कृतिक जागरण  83

प्रो. एस.पद्मप्रिया

8.      स्वाधीनता आन्दोलन और हिन्दी फिल्मी गीत  96

डॉ. सी. कामेश्वरी एवं श्रीमती पदमा भार्गव

9.      स्वाधीनता आंदोलन में हिन्दी फिल्मी गीतों की  सक्रियता   106

प्रो. करन सिंह ऊटवाल

10.  हिन्दी लोक और कविता में स्वाधीनता संग्राम  117

डॉ. जनार्दन

11.  भारतीय स्वाधीनता आंदोलन और हिन्दी गीत  126

डॉ. मनोज कुमार मौर्य

12.  स्वाधीनता आंदोलन और द्विवेदीयुगीन कविता   136

संजीव कुमार मिश्र

13.  शैलेंद्र का देशप्रेम  145

रजनीश कुमार

14.  राष्ट्रीय एकता के कवि सोहनलाल द्विवेदी   156

डॉ. अंनत लक्ष्मी

भारत की आज़ादी पर 'कहें केदार खरी-खरी' 160

From the B&N Reads Blog

Customer Reviews