मन कभी शांत है बहुत,
कभी हलचल भी है बहुत,
कभी दर्द सहता हूँ ,
कभी गीत कहता हूँ
कभी रमता जोगी हूँ,
कभी बुद्ध रहता हूँ
मैं मौन कहता हूँ
दरख़्त बेजुबान ही सही,
मगर दर्द तो सहता है,
फिर भी छाँव देता है,
फल दूंगा यही कहता है
मैं मौन कहता हूँ
मन कभी शांत है बहुत,
कभी हलचल भी है बहुत,
कभी दर्द सहता हूँ ,
कभी गीत कहता हूँ
कभी रमता जोगी हूँ,
कभी बुद्ध रहता हूँ
मैं मौन कहता हूँ
दरख़्त बेजुबान ही सही,
मगर दर्द तो सहता है,
फिर भी छाँव देता है,
फल दूंगा यही कहता है
मैं मौन कहता हूँ
मन कभी शांत है बहुत,
कभी हलचल भी है बहुत,
कभी दर्द सहता हूँ ,
कभी गीत कहता हूँ
कभी रमता जोगी हूँ,
कभी बुद्ध रहता हूँ
मैं मौन कहता हूँ
दरख़्त बेजुबान ही सही,
मगर दर्द तो सहता है,
फिर भी छाँव देता है,
फल दूंगा यही कहता है
मैं मौन कहता हूँ
मन कभी शांत है बहुत,
कभी हलचल भी है बहुत,
कभी दर्द सहता हूँ ,
कभी गीत कहता हूँ
कभी रमता जोगी हूँ,
कभी बुद्ध रहता हूँ
मैं मौन कहता हूँ
दरख़्त बेजुबान ही सही,
मगर दर्द तो सहता है,
फिर भी छाँव देता है,
फल दूंगा यही कहता है
मैं मौन कहता हूँ
मन कभी शांत है बहुत,
कभी हलचल भी है बहुत,
कभी दर्द सहता हूँ ,
कभी गीत कहता हूँ
कभी रमता जोगी हूँ,
कभी बुद्ध रहता हूँ
मैं मौन कहता हूँ
दरख़्त बेजुबान ही सही,
मगर दर्द तो सहता है,
फिर भी छाँव देता है,
फल दूंगा यही कहता है
मैं मौन कहता हूँ
मन कभी शांत है बहुत,
कभी हलचल भी है बहुत,
कभी दर्द सहता हूँ ,
कभी गीत कहता हूँ
कभी रमता जोगी हूँ,
कभी बुद्ध रहता हूँ
मैं मौन कहता हूँ
दरख़्त बेजुबान ही सही,
मगर दर्द तो सहता है,
फिर भी छाँव देता है,
फल दूंगा यही कहता है
मैं मौन कहता हूँ

indradhanusa (kavya sangraha)

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Product Details
BN ID: | 2940155244486 |
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Publisher: | ?????? ?????????? |
Publication date: | 05/04/2018 |
Sold by: | Smashwords |
Format: | eBook |
File size: | 216 KB |
Language: | Hindi |