ajanabi sahara

ग़ज़ल हिन्दी और उर्दू भाषा की बेहतरीन और बहुचर्चित काव्य विधा है जो मन में इधर-उधर बेख़ौफ़ घूम रहे ख्यालातों और जज़्बातों को लफ़्ज़ों का खूबसूरत चोला पहना कर लिखने वाले के घर से पढ़ने वाले के दर तक पहुँचाती है।
मैं अपनी पहली पुस्तक “अजनबी शहर” ग़ज़ल संग्रह के माध्यम से आपसे मुखातिब हो रही हूँ। इस ग़ज़ल संग्रह में बहुत ही सीधी सपाट कलम का प्रयोग किया गया है। हर ग़ज़ल में अलग-अलग रंग की स्याही प्रयोग की गई है जो कुछ ख़ास दोस्तों, रकीबों, रहबरों व मेहरबानों ने समय-समय पर भेंट की।

ग़ज़ल हिन्दी और उर्दू भाषा की बेहतरीन और बहुचर्चित काव्य विधा है जो मन में इधर-उधर बेख़ौफ़ घूम रहे ख्यालातों और जज़्बातों को लफ़्ज़ों का खूबसूरत चोला पहना कर लिखने वाले के घर से पढ़ने वाले के दर तक पहुँचाती है।
मैं अपनी पहली पुस्तक “अजनबी शहर” ग़ज़ल संग्रह के माध्यम से आपसे मुखातिब हो रही हूँ। इस ग़ज़ल संग्रह में बहुत ही सीधी सपाट कलम का प्रयोग किया गया है। हर ग़ज़ल में अलग-अलग रंग की स्याही प्रयोग की गई है जो कुछ ख़ास दोस्तों, रकीबों, रहबरों व मेहरबानों ने समय-समय पर भेंट की।

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ग़ज़ल हिन्दी और उर्दू भाषा की बेहतरीन और बहुचर्चित काव्य विधा है जो मन में इधर-उधर बेख़ौफ़ घूम रहे ख्यालातों और जज़्बातों को लफ़्ज़ों का खूबसूरत चोला पहना कर लिखने वाले के घर से पढ़ने वाले के दर तक पहुँचाती है।
मैं अपनी पहली पुस्तक “अजनबी शहर” ग़ज़ल संग्रह के माध्यम से आपसे मुखातिब हो रही हूँ। इस ग़ज़ल संग्रह में बहुत ही सीधी सपाट कलम का प्रयोग किया गया है। हर ग़ज़ल में अलग-अलग रंग की स्याही प्रयोग की गई है जो कुछ ख़ास दोस्तों, रकीबों, रहबरों व मेहरबानों ने समय-समय पर भेंट की।

ग़ज़ल हिन्दी और उर्दू भाषा की बेहतरीन और बहुचर्चित काव्य विधा है जो मन में इधर-उधर बेख़ौफ़ घूम रहे ख्यालातों और जज़्बातों को लफ़्ज़ों का खूबसूरत चोला पहना कर लिखने वाले के घर से पढ़ने वाले के दर तक पहुँचाती है।
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ग़ज़ल हिन्दी और उर्दू भाषा की बेहतरीन और बहुचर्चित काव्य विधा है जो मन में इधर-उधर बेख़ौफ़ घूम रहे ख्यालातों और जज़्बातों को लफ़्ज़ों का खूबसूरत चोला पहना कर लिखने वाले के घर से पढ़ने वाले के दर तक पहुँचाती है।
मैं अपनी पहली पुस्तक “अजनबी शहर” ग़ज़ल संग्रह के माध्यम से आपसे मुखातिब हो रही हूँ। इस ग़ज़ल संग्रह में बहुत ही सीधी सपाट कलम का प्रयोग किया गया है। हर ग़ज़ल में अलग-अलग रंग की स्याही प्रयोग की गई है जो कुछ ख़ास दोस्तों, रकीबों, रहबरों व मेहरबानों ने समय-समय पर भेंट की।

ग़ज़ल हिन्दी और उर्दू भाषा की बेहतरीन और बहुचर्चित काव्य विधा है जो मन में इधर-उधर बेख़ौफ़ घूम रहे ख्यालातों और जज़्बातों को लफ़्ज़ों का खूबसूरत चोला पहना कर लिखने वाले के घर से पढ़ने वाले के दर तक पहुँचाती है।
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Product Details

BN ID: 2940155316244
Publisher: ?????? ??????????
Publication date: 06/28/2018
Sold by: Smashwords
Format: eBook
File size: 334 KB
Language: Hindi

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सम्पादक के पद पर कार्यरत

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