21 Sarvshreshth Kahaniya - Rabindranath Tagore (Hindi)
रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन-काल में बांग्ला भाषा को अपनी लेखनी द्वारा एक महत्त्वपूर्ण आयाम पर पहुँचा दिया। उनके लेखन में भारतीय ग्रामीण-जीवन और बांग्ला संस्कृति का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है। उन्होंने बच्चों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रसिद्ध कहानियां लिखीं हैं, उनमें से एक है 'काबुलीवाला'। एक छोटी-सी बच्ची मिनी को, काबुली चना बेचने वाला अपनी बच्ची की तरह प्यार करता है। लेकिन जब मिनी की शादी में मिनी के पिता, 'काबुलीवाला' को उससे नहीं मिलने देते हैं, तब 'काबुलीवाला' के भीतर एक पिता का हृदय रो पड़ता है। रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित कहानियों में से कुछ कहानियों का संकलन इस किताब में किया गया है। जिसमें पाषाणी, अवगुंठन, भिखारिन, अपरिचिता, समाज का शिकार, अनाथ एवं अन्य कहानियां सर्वश्रेष्ठ हैं।
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21 Sarvshreshth Kahaniya - Rabindranath Tagore (Hindi)
रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन-काल में बांग्ला भाषा को अपनी लेखनी द्वारा एक महत्त्वपूर्ण आयाम पर पहुँचा दिया। उनके लेखन में भारतीय ग्रामीण-जीवन और बांग्ला संस्कृति का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है। उन्होंने बच्चों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रसिद्ध कहानियां लिखीं हैं, उनमें से एक है 'काबुलीवाला'। एक छोटी-सी बच्ची मिनी को, काबुली चना बेचने वाला अपनी बच्ची की तरह प्यार करता है। लेकिन जब मिनी की शादी में मिनी के पिता, 'काबुलीवाला' को उससे नहीं मिलने देते हैं, तब 'काबुलीवाला' के भीतर एक पिता का हृदय रो पड़ता है। रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित कहानियों में से कुछ कहानियों का संकलन इस किताब में किया गया है। जिसमें पाषाणी, अवगुंठन, भिखारिन, अपरिचिता, समाज का शिकार, अनाथ एवं अन्य कहानियां सर्वश्रेष्ठ हैं।
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21 Sarvshreshth Kahaniya - Rabindranath Tagore (Hindi)
226
21 Sarvshreshth Kahaniya - Rabindranath Tagore (Hindi)
226Paperback
$18.99
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Product Details
ISBN-13: | 9789350336892 |
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Publisher: | Maple Press Pvt Ltd |
Publication date: | 03/29/2015 |
Pages: | 226 |
Product dimensions: | 5.50(w) x 8.50(h) x 0.52(d) |
Language: | Hindi |
From the B&N Reads Blog